
अफगानिस्तान: काबुल के गुरुद्वारा करता परवान पर आतंकियों का हमला, कई ब्लास्ट किए
AajTak
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा करते परवान पर शनिवार को आतंकियों ने हमला कर दिया. आतंकियों ने यहां कई ब्लास्ट किए.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा करते परवान पर शनिवार को आतंकियों ने हमला कर दिया. आतंकियों ने यहां कई ब्लास्ट किए. यहां बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि काबुल के गुरुद्वारे में विस्फोट होने की सूचना मिली है. ये ब्लास्ट शनिवार तड़के हुए हैं.
सिरसा ने गुरुद्वारा करते परवन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह से बातचीत की है. गुरनाम ने अफगानिस्तान में सिखों के लिए वैश्विक समर्थन की मांग की है. सिरसा ने बताया कि अब तक 3 लोग (गुरुद्वारे से) निकल चुके हैं, जिनमें से 2 को अस्पताल भेजा गया है. गुरुद्वारा के गार्ड- एक मुसलमान की गोलियों से मौत हो गई. माना जा रहा है कि 7-8 लोग अभी भी अंदर फंसे हुए हैं लेकिन संख्या की पुष्टि नहीं हुई है. अभी भी फायरिंग जारी है.
हमले के पीछे ISIS खुरासान पर शक हो रहा है. हमलों पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (MEA) के सरकारी प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबर से बहुत चिंतित हैं. हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और घटना के बारे में जानकारी का इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पूरे अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं. शुक्रवार को पिछली अशरफ गनी सरकार द्वारा नियुक्त भारत में अफगान राजदूत फरीद मामुंडजे ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग एक बार फिर सबसे बुरे वक्त से गुजर रहे हैं. देश आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद वहां मानवीय सुरक्षा और राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. मामुंडजे ने कहा कि अफगानिस्तान से (सैनिकों की) अमेरिका की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद देशभर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






