अपनी संपत्ति छिपाकर बैंकरप्ट घोषित करा लिया था, ब्रिटेन में भारतीय मूल के कारोबारी को जेल
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ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक कारोबारी को बैंकरप्सी से जुड़े मामले में आठ महीने जेल की सजा सुनाई है. भारतीय मूल के कारोबारी पवर आरोप था कि उसने अपनी संपत्ति छिपाकर खुद को बैंकरप्ट घोषित करा लिया था. भारतीय मूल के कारोबारी सुखविंदर संघेरा को तीन साल पहले ब्रिटिश कोर्ट ने बैंकरप्ट घोषित किया था.
ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक कारोबारी ने अपनी संपत्ति छिपाकर खुद को दिवालिया घोषित करा लिया था. ब्रिटेन की एक अदालत ने तीन साल पहले भारतीय मूल के कारोबारी पर बैंकरप्सी से संबंधित प्रतिबंध 10 साल के लिए बढ़ा दिए थे. अब वित्तीय अनियमितता से जुड़े इस मामले में ब्रिटेन की कोर्ट ने भारतीय मूल के कारोबारी को आठ महीने जेल की सजा सुनाई है.
जानकारी के मुताबिक भारतीय मूल के सुखविंदर सिंह संघेरा सेंट्रल इंग्लैंड के एक स्पा शहर में रहते हैं. सुखविंदर, लीमिंगटन स्पा में सुखी संघेरा नाम से चर्चित हैं. सुखविंदर ने 1 लाख 40 हजार पाउंड से अधिक का कर्ज ले रखा था. सुखविंदर संघेरा को अगस्त 2017 में वारविक की काउंटी कोर्ट ने दिवालिया घोषित कर दिया था.
नियमों के मुताबिक सुखविंदर संघेरा को अपनी सभी संपत्तियों का खुलासा ब्रिटेन की इनसॉल्वेंसी सर्विस के आधिकारिक रिसीवर के सामने करना था. ऐसा करने के लिए वह नियमों के मुताबिक बाध्य था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. सुखविंदर ने इनसॉल्वेंसी सर्विस के आधिकारिक रिसीवर के सामने ये खुलासा भी नहीं किया कि कॉवेंट्री में एक संपत्ति का वह इकलौता मालिक था जिसके किराये के रूप में 1900 पाउंड की आमदनी होती थी.
बताया जाता है कि पिछले हफ्ते सुखविंदर संघेरा वारविक क्राउन कोर्ट में पेश हुआ. कोर्ट ने उसे फ्रॉड के चार मामलों में सजा सुनाई. इनसॉल्वेंसी सर्विस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने संघेरा को कानून का उल्लंघन करने का दोषी पाया और धोखाधड़ी अधिनियम 2006 के तहत चार मामलों में आठ महीने की सजा का ऐलान कर दिया. चारो मामलों में सजा साथ-साथ चलेगी.
इनसॉल्वेंसी सर्विस के मुख्य जांचकर्ता ग्लेन विक्स ने कहा कि कई मौकों पर सुखी संघेरा को अपनी ईमानदारी सिद्ध करने, ट्रस्टियों को किराये की संपत्ति से लाभ होने की जानकारी देने का अवसर मिला. सुखी ने देनदारियों का भुगतान करने से बचने के लिए काफी समय तक कॉवेंट्री की रेंटल प्रॉपर्टी को छिपाए रखने की कोशिश की.
गौरतलब है कि सुखी संघेरा को बैंकरप्सी से जुड़े नियमों के मुताबिक आधिकारिक रिसीवर और ट्रस्टियों के सामने अपनी संपत्ति का खुलासा करना था. सरकार ने अगस्त 2019 में बैंकरप्सी से जुड़े प्रतिबंध 10 साल के लिए लागू करने की अपील मान ली थी. आम तौर पर ये प्रतिबंध एक साल के लिए ही लगाए जाते हैं. ऑफिसियल रिसीवर ने जांच के बाद सुखी संघेरा की एक संपत्ति नीलाम कर दी और करीब 70 हजार पाउंड की राशि जुटाई.