
अनिवार्य हिजाब के खिलाफ, पश्चिम के साथ दोस्ती के पैरोकार... क्या ईरान की सियासत बदल देंगे नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान?
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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो जाने के कारण यहां फिर से चुनाव हुआ था. चुनाव में सुधारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान को जीत मिली है. उन्होंने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को को शिकस्त दी है. इस चुनाव में देश में सबसे कम 40 फीसदी मतदान हुआ था.
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में बड़ा उलफेटर हुआ है और सुधारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान देश के 9वें राष्ट्रपति चुने गए हैं जिन्होंने कट्टरपंथी सईद जलीली को शिकस्त दी है. उदारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान को हिजाब विरोधी माना जाना जाता है. पेजेश्कियान पश्चिम के साथ बेहतर संबंधों, परमाणु समझौते की वापसी और हिजाब कानून में सुधार की वकालत करते हैं.
ईरान में 28 जून को हुए राष्ट्रपति चुनाव में इतिहास में सबसे कम मतदान हुआ था, जिसके बाद पेजेश्कियान ने कट्टरपंथी सईद जलीली के 13.5 मिलियन वोटों के मुकाबले 16.3 मिलियन वोट हासिल कर शुक्रवार के दूसरे चरण के चुनाव में जीत हासिल की. अब पेजेशकियन को वर्षों से चली आ रही आर्थिक पीड़ा और खूनी दमन से नाराज जनता को यह विश्वास दिलाना होगा कि वह अपने वादे के मुताबिक बदलाव ला सकते हैं.
महसा अमिनी पर दिया था ये बयान
2022 में जब महसा अमिनी की मौत हुई थी, ईरानी सांसद मसूद पेजेश्कियान ने लिखा कि “इस्लामिक देश में किसी लड़की को उसके हिजाब के लिए गिरफ़्तार करना और फिर उसके शव को उसके परिवार को सौंपना स्वीकार नहीं किया जा सकता है.” कुछ दिनों बाद, जब देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और सरकार ने इसे कुचलने की कोशिश की तो उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि जो लोग “सुप्रीम लीडर का अपमान कर रहे हैं … वे भविष्य में समाज को क्रोध और घृणा के अलावा कुछ और नहीं देंगे.”
ईरान की सत्ता में बड़ा उलटफेर, रिफॉर्मिस्ट मसूद पेजेश्कियान जीते राष्ट्रपति चुनाव, कट्टरपंथी जलीली की हार
सुधारवादी नेता की रही है पहचान

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