
अजीत डोभाल जोहान्सबर्ग में फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स मीटिंग में हुए शामिल, साइबर सुरक्षा पर की चर्चा
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ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. यह वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल जोहान्सबर्ग में फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स मीटिंग में शामिल हुए. यहां हुई बैठक में साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई. ब्रिक्स के अलावा, ब्रिक्स के मित्र देश बेलारूस, बुरुंडी, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, कजाकिस्तान और क्यूबा ने भी भाग लिया.
NSA ने साइबर सुरक्षा से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ को विशेष रूप से संसाधनों की सीमाओं पर काबू पाने की जरूरत है. इस कोशिश में भारत हमेशा ग्लोबल साउथ के साथ मिलकर काम करने में सबसे आगे रहेगा.
अजीत डोभाल ने कहा कि AI, बिग डेटा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी टेक्नोलॉजी के आने से साइबर खतरों की गंभीरता तेजी से बढ़ेगी. उन्होंने साइबर अपराधियों और आतंकवादियों के बीच संबंधों पर भी चर्चा की. जिसमें वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग, कट्टरपंथीकरण, भर्ती और सुरक्षित संचार के लिए साइबर स्पेस का उपयोग शामिल है. NSA ने ब्रिक्स के अपने समकक्षों और ब्रिक्स देशों के मित्रों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर भी हुए थे शामिल विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले दिनों ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए थे. जयशंकर ने एक ट्वीट में विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई चर्चा को 'उपयोगी' बताया था.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'ब्रिक्स देशों के एजेंडे को आगे बढ़ाने और शिखर सम्मेलन की तैयारियों के लिए बैठक में उपयोगी बातचीत हुई.'
ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. यह वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है.

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