
Zelensky Dialed Trump: झगड़े के 3 हफ्ते बाद हुई ट्रंप-जेलेंस्की की फोन पर बात, वॉरफ्रंट-पुतिन और युद्धविराम जानिए क्या-क्या हुआ डिस्कस
AajTak
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि इस बातचीत का मकसद यूक्रेन और रूस को उनके अनुरोधों और जरूरतों के मुताबिक एकजुट करना है. उन्होंने कहा कि युद्धविराम की कोशिश सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई तीखी बहस के कुछ हफ्तों बाद एक बार फिर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है. जेलेंस्की और ट्रंप के बीच कल फोन पर लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई.
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि इस बातचीत का मकसद यूक्रेन और रूस को उनके अनुरोधों और जरूरतों के मुताबिक एकजुट करना है. उन्होंने कहा कि युद्धविराम की कोशिश सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं.
वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बेहद सकारात्मक और सार्थक बातचीत हुई. मैंने 11 मार्च को सऊदी अरब के जेद्दा में यूक्रेन और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच हुई सकारात्मक बातचीत शुरू करने के लिए आभार जताता हूं. इस बैठक ने युद्ध को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण रूप से मदद की. हम इस बात पर सहमत हुए कि यूक्रेन और अमेरिका को युद्ध को वास्तविक रूप से समाप्त करने और स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए. हमारा विश्वास है कि अमेरिका, राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिकी नेतृत्व में हम स्थायी शांति हासिल कर सकते हैं.
जेलेंस्की ने कहा कि इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन के साथ बातचीत का ब्योरा साझा किया और हमारे बीच अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. युद्ध खत्म करने की दिशा में पहला कदम ऊर्जा और अन्य सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमले बंद करना हो सकता है. मैंने इस कदम का समर्थन किया है और यूक्रेन ने पुष्टि की है कि हम इस पर अमल करेंगे. हमारी टीम ने भी जेद्दा में इस पर चर्चा की थी. अमेरिका की ओर से भी फ्रंटलाइन पर बिना किसी शर्थ के सीजफायर का प्रस्ताव रखा गया था और हमने इस प्रस्ताव को भी स्वीकार किया.
जेलेंस्की ने कहा कि मैंने ट्रंप से बातचीत के दौरान युद्धक्षेत्र की स्थिति और रूसी हमलों से पड़े प्रभाव की जानकारी भी उन्हें दी. हमने कुर्स्क की स्थिति पर भी बात की और युद्धबंदियों की रिहाई के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







