
World Schizophrenia Day 2021: सिजोफ्रेनिया जिसमें मरीज को होते हैं तरह-तरह के भ्रम, जानें- क्या हैं लक्षण
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पूरी दुनिया में 24 मई को 'वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे' मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक करना है. सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है जो बहुत ही गंभीर मानी जाती है. सिजोफ्रेनिया के मरीज अक्सर एक तरह के भ्रम की स्थिति में रहते हैं. ये बीमारी पुरुष और महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है.
पूरी दुनिया में 24 मई को वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक करना है. सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है जो बहुत ही गंभीर मानी जाती है. सिजोफ्रेनिया के मरीज अक्सर एक तरह के भ्रम की स्थिति में रहते हैं. ये बीमारी पुरुष और महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है. कई लोग इस बीमारी को स्प्लिट पर्सनैलिटी समझते हैं जबकि ये एक दूसरे तरह का डिसऑर्डर है. सिजोफ्रेनिया के शुरुआती लक्षण- इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर किशोरावस्था और 20 साल की उम्र में दिखाई देते हैं. दोस्तों और परिवार से खुद को अलग कर लेना, दोस्त या सोशल ग्रुप बदलते रहना, किसी चीज पर फोकस ना कर पाना, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, पढ़ाई-लिखाई में समस्या होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. सिजोफ्रेनिया के मरीजों को कई बार ऐसी चीजें दिखाई और महसूस होती हैं जो असल में होती ही नहीं हैं लेकिन उन्हें ये एकदम सच लगता है. कई मामलों में उन्हें चीजों का स्वाद और खुशबू महसूस होने की शिकायत होती है जो वहां होती ही नहीं हैं. सिजोफ्रेनिया के मरीज को कई तरह के गलत यकीन भी होने लगते हैं. जैसे खुद को सताए जाने का भ्रम या फिर अमीर या ताकतवर होने का भ्रम. मरीज को ये भी महसूस हो सकता है कि उनमें दैवीय शक्तियां हैं. हालांकि, मनोचिकित्सकों के पास सिजोफ्रेनिया के मरीजों को होने वाले विचित्र अनुभवों की लंबी लिस्ट होती है. सिजोफ्रेनिया के मरीजों को लगता है कि लोग उसे जबरदस्ती गलत ठहराने की कोशिश कर रहे हैं.
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