
UAE के कारण सुलग रहा है सूडान! अफ्रीकी देश में ऐसा क्या है जिसके लिए इस्लामिक देश ने झोंक दी है ताकत
AajTak
सूडान में अर्धसैनिक बल और सेना के बीच लड़ाई जारी है और इस लड़ाई में सेना को बढ़त मिलती दिख रही है. सेना को मिलती बढ़त यूएई के लिए झटका है क्योंकि वो आरएसएफ का भरपूर समर्थन कर रहा है. यूएई ने आरएसएफ को हथियार सप्लाई कर और उससे सोना खरीदकर उसे युद्ध में बनाए रखा है और इसके पीछे सूडान में उसके हित हैं.
अफ्रीकी देश सूडान में मात्र पांच साल पहले जुलाई 2019 में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी. लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही वहां के लोगों में उम्मीद जागी थी कि अब उनकी गरीबी दूर होगी और जीवनस्तर में बदलाव आएगा. लेकिन उनकी सारी उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब करीब चार सालों बाद ही अप्रैल 2023 में देश एक हिंसक गृहयुद्ध की चपेट में आ गया.
सूडान में सत्ता पर प्रभुत्व को लेकर देश की सेना सूडानी आर्म्ड फोर्सेस (SAF) और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) एक-दूसरे के आमने-सामने हैं और इस लड़ाई ने दुनिया में सबसे बदतर विस्थापन संकट और सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा कर दिया है.
अप्रैल 2023 से, इस लड़ाई में 150,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 1.46 करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. आज सूडान की 4.8 करोड़ आबादी में से आधे से ज्यादा लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं.
लड़ाई में कमजोर पड़ा RSF
सूडान में चल रहे गृहयुद्ध में आरएसएफ एक वक्त सूडानी सेना से भी ज्यादा मजबूत हो गया था. उसने राजधानी खार्तूम स्थित राष्ट्रपति भवन 'रिपब्लिकन पैलेस' और खार्तूम एयरपोर्ट पर भी कब्जा कर लिया था. लेकिन इस महीने सूडानी सेना को बड़ी बढ़त मिली है. बीते शुक्रवार को लगभग दो सालों की लड़ाई के बाद सेना ने राष्ट्रपति भवन पर दोबारा कब्जा हासिल कर लिया. सेना ने इसका एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें देखा जा सकता है कि लगातार गोलाबारी की वजह से राष्ट्रपति भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. सूडान के सूचना मंत्री खालिद अल-ऐसर ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति भवन पर कब्जे को लेकर कहा कि सेना ने महल पर फिर से कब्जा कर लिया है.
उन्होंने लिखा था, 'आज झंडा फहराया गया है, महल वापस आ गया है और जीत पूरी होने तक यात्रा जारी रहेगी.'

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







