Sulli Deals और Bulli Bai केस के आरोपियों को जमानत, कोर्ट बोला- पहली बार अपराध किया
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Sulli Deals और Bulli Bai ऐप के आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने मानवीय आधार पर दोनों आरोपियों को बेल देने का फैसला लिया है. लेकिन उन पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं.
Sulli Deals और Bulli Bai ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं पर निशाना साधने वाले दो मुख्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज बिश्नोई को मानवीय आधार पर CMM कोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई है. एक तरफ नीरज बुली बाई मामले में आरोपी है तो वहीं ओंकारेश्वर सुल्ली डील्स का निर्माता है.
जमानत देते समय कोर्ट ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पहले ही दाखिल हो चुकी है, वहीं FSL के नतीजे अभी तक नहीं आए हैं. कोर्ट की माने तो मामला भी जिस स्टेज पर है, वहां पर आरोपी तथ्यों के साथ कोई छोड़छाड़ नहीं कर पाएंगे. ये भी तर्क दिया गया है कि आरोपियों ने पहली बार कोई अपराध किया है और लंबे समय तक उन्हें जेल में रखना ठीक नहीं होगा. अब दोनों आरोपियों को बेल जरूर दी गई है लेकिन कई तरह की शर्तें भी लागू हैं.
कोर्ट ने जोर देकर कहा है कि कोई भी आरोपी इस जमानत के दौरान देश छोड़कर नहीं जाएगा, वहीं जब भी अदालत द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा, उन्हें तुरंत पेश होना होगा. इसके अलावा जांच अधिकारी को अपना स्थान विवरण देना होगा, फोन को लगातार चालू रखना होगा और किसी भी पीड़ित से संपर्क साधने का प्रयास नहीं किया जाएगा.
जानकारी के लिए बता दें कि सुल्ली डील्स वाला मामला सबसे पहले पिछले साल जुलाई में सामने आया था. तब कहा गया था कि एक ऐप पर महिलाओं की तस्वीरें शेयर की जा रही थीं. उन तस्वीरों को नीलाम किया जा रहा था. इसके कुछ महीने बाद ही बुली ऐप भी सामने आ गई थी जहां पर फिर महिलाओं की तस्वीरों को नीलाम किया गया. एक महिला पत्रकार ने शिकायत की थी और उसके बाद जांच शुरू की गई. फिर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए.
इसके बाद इस साल जनवरी में सबसे पहले पुलिस ने बुली ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई को गिरफ्तार किया. फिर दो दिन बाद बाद आठ जनवरी को सुल्ली डील्स का निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर भी गिरफ्तार कर लिया गया.
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