
Shardiya Navratri 2025: नवरात्र में ये सपने बदल सकते हैं आपकी किस्मत, खुलेंगे तरक्की के द्वार
AajTak
Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्र 22 सितंबर, यानी आज से शुरू हो चुके हैं. हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है. स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इस पावन काल में कुछ विशेष चीजों का सपने में दिखना बेहद शुभ माना गया है.
Shardiya Navratri 2025: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का खास महत्व बताया गया है. यह पर्व देवी शक्ति की उपासना का काल माना जाता है. इस साल शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर, सोमवार यानी आज से हुआ है और इसका समापन 1 अक्टूबर को होगा. नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दौरान यदि श्रद्धा और भक्ति भाव से माता की आराधना की जाए, तो साधक को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इस अवधि में आने वाले सपनों का भी विशेष महत्व होता है. नवरात्र में कुछ विशेष स्वप्न शुभ संकेत माने जाते हैं. आइए जानते हैं कि नवरात्र में किन सपनों को देखना अत्यंत मंगलकारी माना गया है.
शेर पर सवार मां दुर्गा का स्वप्न
यदि नवरात्र के दिनों में स्वप्न में मां दुर्गा अपने वाहन शेर पर सवार होकर दिखाई दें, तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है. यह इस बात का प्रतीक है कि आपके जीवन में सौभाग्य का आगमन होने वाला है. लंबे समय से जो कार्य अधूरे या रुके हुए हैं, वे अब जल्द पूरे होंगे. यह सपना मां दुर्गा की कृपा का संकेत देता है.
लाल चुनरी या सिंदूर का सपना
स्वप्न में लाल चुनरी, सिंदूर या श्रृंगार का कोई भी सामान दिखना मांगलिक देने वाला माना गया है. इसका अर्थ है कि वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ेंगी और पारिवारिक रिश्तों में मधुरता आएगी. साथ ही, यह सपना इस ओर भी इशारा करता है कि आपकी कोई विशेष मनोकामना पूरी होने वाली है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होगा.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









