Russia Ukraine War: जब यूक्रेन नहीं सदस्य देश, तो NATO क्यों रूस से लड़ रहा उसकी लड़ाई?
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रूस के हमलों से बचने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में उत्तरी अमेरिका और यूरोप के 12 सदस्यों के साथ नाटो की स्थापना की गई थी. नाटो चार्टर का अनुच्छेद 5 केवल सदस्य देशों को सुरक्षा देने के लिए नाटो को हमले की इजाजत देता है.
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) यूक्रेन-रूस युद्ध का केंद्र बिंदु बन गया है. नाटो की ओर से भी जंग की घोषणा कर गई है. नाटो की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में उत्तरी अमेरिका और यूरोप के 12 सदस्यों के साथ हुई थी. अब इसमें 30 सदस्य हैं, लेकिन यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है. यह 2008 से नाटो का सदस्य बनने की प्रतीक्षा कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने यूक्रेन की सदस्यता कार्य योजना (एमएपी) पर जोर दिया था, लेकिन जर्मनी और फ्रांस ने इस कदम को रोक दिया. उनका कहा था कि यूक्रेन को कुछ पात्रता-मानदंडों को पूरा करना होगा.
दो सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के फिलहाल रुकने के कोई आसान नहीं. इस बीच पिछले अक्टूबर से हमास और इजरायल में जंग छिड़ चुकी. अफ्रीकी देशों समेत मिडिल ईस्ट में सिविल वॉर जारी है. माना जाता है कि इंटर-स्टेट यानी दो देशों के बीच लड़ाई सालभर से ज्यादा चल जाए तो अगले 10 सालों तक सीमा पर झड़पें कॉमन हैं.