Pakistan Politics: इमरान ने कैसे पलटी हारी हुई बाजी? जानें
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पाकिस्तान की इमरान सरकार पर संकट तो था ही, इमरान के कई सांसद उनके खिलाफ हैं और सबसे बड़ी बात सेना प्रमुख बाजवा भी. इन सब विरोधियों को इमरान ने नाम दिया-विदेशी साजिश. लेकिन बात विदेशी की नहीं है बल्कि स्वेदशी सेना की है. सेना ने इमरान खान को तीन विकल्प दिए थे, पहला इस्तीफा, दूसरा अविश्वास प्रस्ताव और तीसरा चुनाव. वो नेता ही क्या जो चालाकी ना जाने, इमरान खान ने यही दांव आजमाया. आखिरी बॉल तक बैटिंग करने का दावा किया और आखिरी 'ओवर' ही खारिज करा दिया. पाकिस्तान की संसदीय कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक बता दिया. कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इमरान पीएम से कार्यवाहक पीएम हो गए, फैसले से नाराज विपक्ष ने संसद पर कब्जा कर लिया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. देखें ये एपिसोड.
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.