
Pacemaker Scam: जबरन ऑपरेशन, 27 हजार का इंजेक्शन, फिर... इटावा में इलाज के नाम पर मौत बांटने वाले डॉक्टर की कहानी, पीड़ितों की जुबानी
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सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में पोस्टेड रहे डॉक्टर समीर सर्राफ पर आरोप है कि उन्होंने दिल के मरीजों को सब-स्टैंडर्ड पेसमेकर या फॉल्टी पेसमेकर इंप्लांट किए थे. जिसके बाद दर्जनों मरीजों की मौत हो गई. फिलहाल, डॉक्टर समीर को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच चल रही है.
यूपी के इटावा स्थित सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी (Saifai Medical University) में तैनात रहे डॉक्टर समीर सर्राफ को जेल भेज जा चुका है. समीर सर्राफ पर हार्ट पेशेंट (Heart Patient) को घटिया क्वालिटी का पेसमेकर (Pacemaker) लगाने का आरोप है. खराब क्वालिटी के पेसमेकर के चलते दर्जनों पेशेंट की मौत हो गई. मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. साथ ही पीड़ित लोग भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की है. कुछ लोगों ने फांसी की भी मांग की है.
वहीं, सैफई पुलिस द्वारा डॉक्टर समीर सर्राफ के पासपोर्ट को रद्द करके जब्त करने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा गया है. एसएसपी संजय कुमार के अनुसार, मिली जानकारी से पता चला है कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉक्टर समीर के साथ चार अन्य लोगों की भी इस मामले में मिलीभगत हो सकती है. उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. आयुष्मान योजना के कार्ड धारकों से भी प्लानिंग के तहत कई गुना अधिक रेट वसूलने के साथ दुरुपयोग की बात सामने आई है.
इससे पहले एसएसपी ने बताया था कि आरोपी डॉक्टर समीर सर्राफ ने करीब 250 लोगों को घटिया पेसमेकर लगाकर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया था. जिसमें दर्जनों लोगों की मौत होने की बात भी सामने आई थी. पीड़ित अलग-अलग जिलों से हैं और उनकी संख्या सैकड़ों में हैं.
मृतका की बेटी ने सुनाई आपबीती
इस बीच इटावा में ऐसे कई मरीजों के परिजन सामने आए, जिनकी घटिया पेसमेकर लगाए जाने के बाद 2 महीने में ही मौत हो गई थी. उन सभी ने अपने हार्ट का ऑपरेशन डॉक्टर समीर सर्राफ से करवाया था. इटावा शहर की कटरा शमशेर खां की रहने वाली नजमा ने बताया कि उनकी मां नूरबानो को हार्ट अटैक आया था. वह इलाज के लिए सैफई पहुंची थीं. उन्होंने डॉक्टर समीर सर्राफ को दिखाया था. डॉक्टर ने उनको हार्ट का ऑपरेशन करने और पेसमेकर लगाने की सलाह दी थी.
इसके बाद नूरबानो को पेसमेकर तो लगा दिया लेकिन वह आधा अधूरा लगा. मशीन बाहर निकली रहती थी. उसको टेप से चिपकाना पड़ता था. ढाई महीने के अंदर नूरबानो की मौत हो गई. इसको लेकर नजमा ने कहा है कि हम लोग गरीब हैं. बड़ी मुश्किल से पैसे जुटाकर ऑपरेशन करवाया था. लेकिन डॉक्टर समीर सर्राफ ने जान से खिलवाड़ करते हुए मौत के मुंह में सौंप दिया. अब हमारी मां जिंदा नहीं हैं. हमको इंसाफ चाहिए. सरकार से गुजारिश है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले. फांसी होनी चाहिए.

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