
OYO के फाउंडर रितेश अग्रवाल के घर मातम, नहीं रहे पिता... बेटे को कामयाब बनाने में था बड़ा रोल!
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माता-पिता के सपनों के दूर रितेश अग्रवाल कुछ अलग करना चाहते थे. इसलिए वो दिल्ली आ गए. रितेश अग्रवाल ने कम उम्र में सफलता के जिस शिखर को छुआ है, उसकी नींव उनके पिता ने तैयार की थी.
ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल (Oyo Founder Ritesh Agarwal) का घर अभी कल तक खुशियों में सराबोर था. लेकिन आज उनके घर में मातम पसर गया है. रितेश की शादी के सिर्फ तीन दिन बाद ही उनके पिता रमेश अग्रवाल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. रितेश ने सात मार्च को ही गीतांशा सूद से शादी रचाई थी. लेकिन अब उनकी आंखों से शादी की खुशी पिता के खोने के गम आंसू बनकर बह गए हैं. आसमान में उड़ान के लिए पिता रमेश अग्रवाल ने ही रितेश के हौसलों के पंख में ताकत भरी थी. पिता के जाने के बाद रितेश पर मानों दुखों का पहाड़ टूट गया है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा 'उनकी मृत्यु हमारे परिवार के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. उनके शब्द हमारे दिलों में गहरे तक गूंजेंगे.'
पिता ने रखा हर चीज का ख्याल
16 नवंबर 1993 में उड़ीसा के एक मारवाड़ी परिवार में जन्मे रितेश अग्रवाल के पिता इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन के साथ काम करते थे. मां एक गृहणी थीं. माता-पिता ने रितेश की पढ़ाई का पूरा ख्याल रखा. रितेश ने शुरुआती पढ़ाई अपने जिले के एक स्कूल से की.आठ साल की उम्र से रितेश ने टेक्नोलॉजी और कोडिंग सीखना शुरू कर दिया था. वो एक एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे. 10वीं की पढ़ाई के बाद रितेश इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा चले गए थे. माता-पिता उन्हें इंजीनियर बनते देखना चाहते थे, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. उनका शुरुआती जीवन से ही उनका लालन पोषण बहुत ही अच्छे से हुआ था, क्योंकि वह एक अच्छे मारवाड़ी परिवार से थे.
पिता को यही चिंता सताती रहती थी
माता-पिता के सपनों के दूर रितेश अग्रवाल कुछ अलग करना चाहते थे. इसलिए वो दिल्ली आ गए और दिल्ली में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस अकादमी से बिजनेस की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया. लेकिन उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. ये सब देखकर उनके माता-पिता को यही चिंता सताती रहती थी कि रितेश अपने जीवन में आखिर क्या करेंगे? दिल्ली में अपने खर्चे पूरे करने के लिए रितेश ने मोबाइल सिम बेचने तक का काम किया. इस दौरान वो लगातार अपना बिजनेस शुरू करने के प्लान पर काम करते रहे.
ऐसे शुरू हुआ ओयो

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