OTT गाइडलाइन पर बोले प्रकाश जावड़ेकर- सेंसर सर्टिफिकेट जरूरी नहीं, एडल्ट कंटेंट पर उठाने होंगे कदम
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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं किया है, हम तो सेल्फ रेगुलेशन की बात कर रहे हैं, ओटीटी प्लेटफॉर्म को खुद ही बताना होगा कि फिल्म किस कैटेगरी का है.
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म की गाइडलाइन पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम सभी स्टेकहोल्डर को एक समान अधिकार देना चाहते हैं. इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डॉयरेक्टर राहुल कंवल के साथ खास बातचीत में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि फिल्म और टीवी के लिए रेगुलेशन बॉडी है तो ओटीटी के लिए क्यों नहीं बन सकती. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं किया है, हम तो सेल्फ रेगुलेशन की बात कर रहे हैं, ओटीटी प्लेटफॉर्म को खुद ही बताना होगा कि फिल्म किस कैटेगरी का है, साथ ही उन्हें बताना है कि ए कैटेगरी के कंटेंट के लिए क्या पैरेंटल कंट्रोल है और किसी भी चीज का गलत इस्तेमाल न हो. जावड़ेकर ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपने कंटेंट को खुद ही कैटेगराइज करना होगा. इसके लिए उन्हें अपने कंटेंट के लिए स्पष्ट तौर पर घोषणा करनी होगी कि कौन सा कंटेंट U (यूनिवर्सल), U/A 7+ (साल), U/A 13+, U/A 16+ है और कौन सा कंटेंट A (वयस्कों के लिए) है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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