
Onion Price Hike: दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में, फिर क्यों बढ़ रहे हैं प्याज के दाम?
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इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 4 अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है. मूल्य के लिहाज से टॉप तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं. सरकार ने प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए हमेशा मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस टूल का इस्तेमाल किया था.
टमाटर के बाद अब लोगों को प्याज की कीमतें (Onion Price) रुलाने वाली हैं. प्याज की बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच सरकार ने इसके निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है. सरकार ने ये कदम प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ये पहली बार है जब प्याज एक्सपोर्ट पर शुल्क लगाया गया है. घरेलू बाजार में प्याज कीमतों में तेजी नजर आने लगी है. राजधानी दिल्ली में शनिवार को प्याज 37 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव तक पहुंच गया.
वित्त मंत्रालय ने एक सीमा शुल्क अधिसूचना के जरिए 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन करता है. लेकिन फिर भी देश में कीमतें क्यों बढ़ रही है.
टॉप आयातक देश
इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 4 अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है. मूल्य के लिहाज से टॉप तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि खासकर आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में प्याज के निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
कीमतों को काबू ्में करने की कोशिश
सरकार ने प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए हमेशा मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस टूल का इस्तेमाल किया था. हालांकि, इस साल पहली बार बाहरी शिपमेंट पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निर्यात शुल्क लगाया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रखे गए आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत शनिवार को 30.72 रुपये प्रति किलोग्राम थी और अधिकतम कीमत 63 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम कीमत 10 रुपये प्रति किलोग्राम थी.













