
NCP नेता नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज समीर वानखेड़े की एफआईआर को बंद करेगी मुंबई पुलिस
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एनसीपी (अजित पवार) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ साल 2022 में समीर वानखेड़े ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी. उसी को लेकर समीर वानखेड़े ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. क्योंकि वह इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में जानना चाहते थे.
मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि जांच करने के बाद भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर की गई शिकायत में मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष ‘सी’ सारांश रिपोर्ट दाखिल करने का फैसला लिया है.
सी-सारांश रिपोर्ट एक पुलिस रिपोर्ट होती है जिसे जांच अधिकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल करता है. यह एक प्रकार की सारांश रिपोर्ट होती है, जिसे आपराधिक मामलों में दाखिल किया जा सकता है.
एनसीपी (अजित पवार) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ साल 2022 में समीर वानखेड़े ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी. उसी को लेकर समीर वानखेड़े ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. क्योंकि वह इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में जानना चाहते थे.
यह एफआईआर गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी और याचिका के माध्यम से समीर वानखेड़े ने जांच एजेंसी को एफआईआर में नामित व्यक्तियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की कुछ धाराओं को जोड़ने का निर्देश देने की भी मांग की थी.
अधिनियम की धारा 3 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के खिलाफ अपमान, धमकी और अन्य अत्याचारों के कृत्यों को आपराधिक बनाती है, यह इस धारा की कुछ उप धाराएं थीं, जिन्हें वानखेड़े ने लागू करने की मांग की थी.
समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में पुलिस को उनके आदेश पर दर्ज एफआईआर के अनुसरण में जांच एजेंसी द्वारा उठाए गए कदमों को प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी मांग की थी.

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