Mohini Ekadashi 2021: राहु और केतु से जुड़ी है मोहिनी एकादशी की कथा, जानें स्वरभानु कौन था, कैसे बना राहु-केतु
ABP News
Rahu Ketu Story In Hindi: पंचांग के अनुसार 23 मई रविवार को मोहिनी एकादशी है. भगवान विष्णु की पूजा का ये सबसे उत्तम दिन माना जाता है. मोहिनी एकादशी की कथा राहु और केतु से जुड़ी है. ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पाप ग्रह माना गया है.
Mohini Ekadashi 2021: मोहिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था. मोहिनी अवतार की कथा बहुत ही रोचक है. मोहिनी अवतार की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है. समुद्र मंथन की कथाबहुत समय पहले बलि नाम का राजा हुआ करता था. बलि असुरों का सबसे ताकतवर राजा था. अपनी असुरी शक्तियों के बल पर उसे दैत्यराज का दर्जा प्राप्त था. दैत्यराज बलि ने तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया. तीनों लोकों पर जब बलि का कब्जा हो गया उस समय देवराज इंद्र दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण कष्ट भोग रहे थे. राक्षसराज बलि की लगातार बढ़ती ताकत से देवताओं में भय और जीवन का संकट उत्पन्न हो गया है. देवता बुरी तरह से परेशान हो गए. तब सभी देवताओं ने इस स्थिति से बचने के लिए भगवान विष्णु की शरण ली. भगवान विष्णु ने इस स्थिति से निपटने के लिए सभी देवताओं को असुरों के साथ समुद्र मंथन करने की सलाह दी. लेकिन यह जटिल कार्य था. क्योंकि देवता और असुरों में बिना संधि के मंथन की प्रक्रिया संभव नहीं थी. राक्षसों को समुद्र मंथन के लिए किसी तरह से राजी किया गया. तब देवताओं और राक्षसों के मध्या समुद्र मंथन आरंभ हुआ.More Related News