
Maharashtra Political Crisis पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, आमने-सामने होंगे Harish Salve और Abhishek Manu Singhvi
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Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से जारी सियासी उठापटक पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. शिंदे गुट की तरफ से हरीश साल्वे तो वहीं शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ये केस लड़ने वाले हैं.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र का राजनीतिक संग्राम अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है. शिवसेना के बागी शिंदे गुट की अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. शिंदे गुट की तरफ से 15 विधायकों ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया है. याचिका में खासतौर पर दो बातों का जिक्र है. पहला तो यह की विधायकों ने उन्हें अयोग्य ठहराने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध बताते हुए चुनौती दी है और दूसरा उन्होंने खुद के और परिवार के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है.
आज सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की तरफ से दिग्गज वकील हरीश साल्वे केस की पैरवी करेंगे. वहीं, शिवसेना की ओर से भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें देंगे. महाराष्ट्र सरकार की तराफ से देवदत्त कामत तो वहीं डिप्टी स्पीकर की तरफ से एडवोकेट रवि शंकर जंध्याला केस लड़ेंगे. विधायकों की तरफ से 2 याचिकाएं लगाई गई हैं.
2 सदस्यीय बेंच करेगी सुनवाई
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ दोनों याचिका की सुनवाई करेगी. सुनवाई में 7 पक्ष शामिल रहेंगे. इनमें डिप्टी स्पीकर, राज्य विधान सभा सचिव, महाराष्ट्र सरकार, अजय चौधरी (उद्धव की तरफ से विधायक दल के नए नेता), सुनील प्रभु (उद्धव सरकार के नए चीफ व्हिप), भारत संघ, डीजीपी महाराष्ट्र शामिल हैं.
विधायकों ने याचिका में क्या कहा?
बागी विधायकों ने याचिका में कहा है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं. ये पता होने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया. नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को रोज धमकियां मिल रही हैं. उनके जीवन पर खतरा है. दूसरे पक्ष (शिवसेना) ने न केवल उनके घर-परिवार से सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है. याचिका में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता के कुछ सहयोगियों की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. विधायकों की याचिका में कहा गया है कि उन्होंने शिवसेना की सदस्यता नहीं छोड़ी है.

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