'LGBTQ कम्युनिटी डरकर छिपी है', अफगानी गे एक्टिविस्ट ने तालिबान राज पर जताई चिंता
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नेमत सादत फिलहाल अमेरिका में रहते हैं और लेखक के रूप में भी जाने जाते हैं. अफगान में सार्वजनिक रूप से खुद को गे बताने वाले वह पहले शख्स थे. ताबिलान के कब्जे के बाद अब नेमत सादत लगातार वहां फंसे LGBTQ समुदाय के लोगों को निकालने की कोशिशों में लगे हैं.
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद नागरिकों को जान का खतरा लगातार सता रहा है. सार्वजनिक रूप से खुद को गे बताने वाले अफगानिस्तान के पहले शख्स नेमत सादत ने भी इस पर चिंता जाहिर की है. नेमत सादत भले ही वर्षों पहले अफगान छोड़ चुके हैं. लेकिन अफगान में मौजूद अपने जैसे लोगों के लिए वह चिंतित हैं. अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में गे एक्टिविस्ट नेमत सादत ने कहा है कि अफगान में LGBTQ समुदाय को जान का खतरा है.सुर्ख लिपस्टिक, गहरा काजल, पैरों में घुंघरू और नकली छातियां...मैं रोज इस मेकअप के साथ नाचता. जब उम्र बढ़ी तो मालिक ने मुझे नए 'कमउम्र' लड़के से रिप्लेस कर दिया. अब मेरे पास न काम है, न मर्दों की महफिल में नाचने के अलावा कोई दूसरा हुनर. इतने साल 'बच्चा बरीश' रहते हुए अच्छा खाने-पीने की आदत लग गई थी. अब वो भी नसीब नहीं.
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