LG की सिफारिश, CBI की जांच और अब सिसोदिया गिरफ्तार... पढ़ें- शराब घोटाला केस में कब क्या हुआ
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नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. ये फैसला था दिल्ली में शराब नीति को बदलने का और नई शराब नीति को लागू करने का. दिल्ली सरकार ने जिस दिन से नई शराब नीति लागू की थी, उसी रोज से विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया था. बीजेपी आरोप लगाने लगी थी कि दिल्ली सरकार दिल्ली के बच्चों को शराबी बना रही है. वहीं आम आदमी पार्टी कह रही थी कि नई नीति से दिल्ली सरकार का खजाना भर जाएगा.
शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने रविवार को आठ घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि सिसोदिया सीबीआई के सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाए. अब उनका रात 10 बजे सीबीआई हेडक्वार्टर में ही मेडिकल कराया जाएगा और कल कोर्ट में पेश किया जाएगा. दरअसल, सीबीआई ने दिल्ली के लिए नई आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के सिलसिले में सिसोदिया को रविवार को तलब किया था.
आम आदमी पार्टी ने पहले ही मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की आशंका जताई थी. पार्टी ने कहा था कि मनीष सिसोदिया के साथ-साथ पार्टी के कई नेताओं को भी अरेस्ट किया जा सकता है. सिसोदिया खुद इस बात की आशंका जाहिर कर चुके थे कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. पूछताछ से पहले आम आदमी पार्टी ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया था. AAP ने कहा था कि सिसोदिया जांच में पूरा सहयोग करेंगे. यह एक 'कट्टर ईमानदार' पार्टी है.
दरअसल, नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. ये फैसला था दिल्ली में शराब नीति को बदलने का और नई शराब नीति को लागू करने का. दिल्ली सरकार ने जिस दिन से नई शराब नीति लागू की थी, उसी रोज से विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया था. बीजेपी आरोप लगाने लगी थी कि दिल्ली सरकार दिल्ली के बच्चों को शराबी बना रही है. वहीं आम आदमी पार्टी कह रही थी कि नई नीति से दिल्ली सरकार का खजाना भर जाएगा. इसको लेकर केंद्र सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. और मामला बढ़ने पर 31 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई नीति को वापस लेते हुए पुरानी शराब नीति को ही लागू कर दिया था. तब से ही केजरीवाल सरकार के कई मंत्री और अफसर केंद्र जांच एजेंसी की रडार पर थे.
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जानें शराब नीति घोटाला मामले में कब क्या हुआ-
- 8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट में बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन), अधिनियम 1991, व्यापार नियम (टीओबीआर) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 का उल्लंघन हुआ है. इसमें वर्ष 2021-22 के लिए शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर अनुचित लाभ देने के लिए जानबूझकर किए गए उल्लंघनों का जिक्र किया गया है. यह रिपोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भेजी गई थी और इसमें कहा गया था कि इसमें टॉप पॉलिटिकल लेवल पर वित्तीय लेन देन के संकेत हैं.
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