
Jammu: वैष्णो देवी की यात्रा होगी और आसान, कटरा से अर्धकुमारी तक बनेगा 1200 मीटर लंबा रोपवे
AajTak
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अपनी 69वीं बैठक में रोपवे निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस बैठक में श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे.
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मंगलवार को कटरा से अर्धकुमारी तक रोपवे निर्माण को मंजूरी दे दी है. अब जल्द ही इसके निर्माण को लेकर काम शुरू हो जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि दो साल में काम पूरा हो जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार कटरा से अर्धकुमारी के बीच, 1281.20 मीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा. इसकी ऊंचाई अधिकतम 590.75 मीटर तक होगी.
हर घंटे एक तरफ से 1500 लोग करेंगे यात्रा
रोपवे के जरिए हर घंटे एक तरफ से 1500 यात्रियों को ले जाना संभव होगा. वहीं केबिन क्षमता आठ यात्रियों की होगी. इस रोपवे के निर्माण पर करीब 94.23 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. राइट्स (RITES) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हर यात्री आने-जाने का शुल्क 200 रुपये रखा जाता है, तो 63 फीसदी संचालनात्मक लागत वसूल हो सकती है.
पुनर्गठित बोर्ड ने पहली बैठक में दी मंजूरी
माता वैष्णो देवी की यात्रा को और सुगम बनाने के लिए रोपवे निर्माण के बहुप्रतीक्षित प्रस्ताव को पुनर्गठित बोर्ड ने अपनी पहली ही बैठक में औपचारिक मंजूरी दे दी है. यह बोर्ड की 69वीं बैठक थी. बैठक में श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे.
2012 में बननी शुरू हुई थी योजना

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










