J&K में 26 जनवरी को बड़े हमले की फिराक में था हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी जावेद मट्टू, पूछताछ में खुलासा
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हाल में गिरफ्तार हिजबुल मुजाहिदीन के A++ कैटगरी के आतंकवादी जावेद अहमद मट्टू का बड़ा कबूलनामा सामने आया है. हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मट्टू के साथ मिलकर 26 जनवरी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकवादी हमले की योजना बना रहे थे.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. भारत पर हमले के लिए ही जावेद मट्टू को पाकिस्तान से नेपाल में तकरीबन एक साल पहले शिफ्ट किया गया था, नेपाल के पोखरा में जावेद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने सेटल किया था.
हाल में गिरफ्तार हिजबुल मुजाहिदीन के A++ कैटगरी के आतंकवादी जावेद अहमद मट्टू का बड़ा कबूलनामा सामने आया है. हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मट्टू के साथ मिलकर 26 जनवरी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकवादी हमले की योजना बना रहे थे. स्पेशल सेल के सूत्रों ने खुलासा किया कि आतंकी मट्टू पाकिस्तान स्थित दो हैंडलर्स के संपर्क में था, जो उसे एक महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने के लिए उकसा रहे थे.
पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के आदेश पर जावेद का इरादा हिजबुल मुजाहिदीन के लिए जम्मू-कश्मीर में 26 जनवरी के मद्देनजर बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने का था, पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में ये बड़ा खुलासा हुआ है.
पाकिस्तान में मौजूद हिजबुल के आतंकी इम्तियाज कुंडू और अब्दुल माजिद सोफी उर्फ शाहीन से सिग्नल एप के जरिए मट्टू बात करता था और पाकिस्तान में बैठे ये दोनों हैंडलर जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमले से जुड़े निर्देश मट्टू को देते थे.
10 लाख का इनामी है आतंकी बता दें कि आतंकी जावेद मट्टू पर 10 लाख का इनाम घोषित था. वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में वांछित था. आतंकी की पहचान हिजबुल कमांडर के तौर पर हुई है. मट्टू पाकिस्तान भी जा चुका है और वह सोपोर का रहने वाला है. हाल ही में सोपोर में उसके भाई ने घर में तिरंगा लहराया था जो काफी वायरल हुआ था.
कॉलेज ड्रॉप आउट है जावेद मट्टू जावेद अहमद मट्टू उर्फ इरसाद अहमद मल्ला उर्फ एहसान, उम्र 32 वर्ष, पुत्र अब्दुल गनी निवासी कुशल मट्टू, सोपोर, जिला बारामूला एक कॉलेज ड्रॉपआउट है. वह उत्तरी कश्मीर, विशेषकर सोपोर, जम्मू-कश्मीर के इलाके में सक्रिय हिज्बुल मुजाहिदीन के सात खूंखार आतंकवादियों के गिरोह का सदस्य है. वह A++ श्रेणी का आतंकवादी है और पिछले 13 वर्षों से अपनी पकड़ से बचता आ रहा है. इस ग्रेड का वह J&K से एकमात्र जीवित आतंकवादी है. सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में घायल होने के बाद, वह भूमिगत हो गया और पाक आईएसआई के निर्देश पर नेपाल भाग गया, क्योंकि जम्मू-कश्मीर पुलिस उसका पीछा कर रही थी.
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