
India-US LPG Deal: इस चीज को लेकर अमेरिका से पहली डील, आम आदमी से जुड़ा है फैसला, मंत्री बोले- ऐतिहासिक शुरुआत!
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India-US LPG Deal: भारत और अमेरिका के बीच एलपीजी आयात को लेकर एक बड़ी डील हुई है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने इसके बारे में एक सोशल मीडिया पोस्ट में जानकारी शेयर की है.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता (India-US Trade Deal) भले ही अभी फाइनल नहीं हो सकता है, लेकिन इसे लेकर दोनों ही ओर से पॉजिटिव सिग्नल लगातार मिल रहे हैं. एक ओर जहां डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने करीब 200 फूड प्रोडक्ट्स पर से टैरिफ हटाने का ऐलान किया, तो वहीं अब दोनों देशों के बीच पहली बार एलपीजी को लेकर डील (India-US LPG Deal) फाइनल हो गई है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने इसे ऐतिहासिक शुरुआत करार दिया है.
पेट्रोलियम मंत्री ने किया ऐलान पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब X) पर एक लंबा पोस्ट करते हुए इस सौदे के बारे में जानकारी शेयर की है. उन्होंने इसमें बताया कि भारत ने अमेरिका से लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) आयात करने के लिए अपने पहले संरचित समझौते पर साइन किए हैं. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने इसे तेजी से बढ़ते ऊर्जा बाजार (Energy Market) के लिए एक ऐतिहासिक शुरुआत बताया है.
कुल खपत की 10% LPG अमेरिका से आएगी Social Media पोस्ट में शेयर की गई जानकारी पर नजर डालें, तो केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि भारत की ऑयल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने साल 2026 में अमेरिका से 2.2 मिलियन टन प्रति वर्ष LPG Import का एक साल के एग्रीमेंट साइन किया है. सालाना एलपीजी आयात की यह मात्रा, दरअसल भारत के कुल सालाना आयात का करीब 10% होगा.
A historic first! One of the largest and the world’s fastest growing LPG market opens up to the United States. In our endeavour to provide secure affordable supplies of LPG to the people of India, we have been diversifying our LPG sourcing. In a significant development,…
इस डील का क्या है उद्देश्य? Hardeep Singh Puri ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, 'एक ऐतिहासिक पहल! दुनिया के सबसे तेजी से आगे बढ़ते एलपीजी बाजारों में से एक अब अमेरिका के लिए खुल गया है. उन्होंने India-US LPG Deal को ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने और अपने नागरिकों के लिए किफायती आपूर्ति सुनिश्चित करने के भारत के प्रयास का एक हिस्सा करार दिया है. यह कदम वैश्विक ऊर्जा अस्थिरता के बीच और Russian Energy Business साझेदारों पर अमेरिकी टैरिफ (US Tariff) जैसे संभावित भू-राजनीतिक व्यवधानों से पहले उठाया गया है.
अमेरिका के साथ भारत की ये डील माउंट बेलवियू के आधार पर हुई है, जो US का एक प्रमुख प्राइस कंट्रोल सेंटर है. वहीं बता दें कि ये डील अचानक नहीं हुई है, बल्कि एनर्जी सेक्टर के भारतीय ऊर्जा अधिकारियों द्वारा अमेरिकी एलपीजी प्रोड्यूशर्स के साथ कई महीनों की बातचीत के बाद की गई है.













