
Imran Khan No Confidence Motion: इमरान खान के आरोपों पर आई अमेरिका की सफाई, कहा- ये बेबुनियाद बातें
AajTak
Imran Khan No Confidence Motion: पाकिस्तान में चल रहे सियासी ड्रामे की स्क्रिप्ट लिखने के आरोप अमेरिका पर लगे थे. अब अमेरिकी सरकार ने इमरान खान के आरोपों पर सफाई दी है.
Imran Khan No Confidence Motion: पाकिस्तान में चल रही उथल पुथल के बीच अमेरिका का बड़ा बयान आया है. यूएस की तरफ से साफ कहा गया है कि पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव में उनका कोई रोल नहीं है. बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने खुद आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ 'विदेशी ताकत' साजिश रच रही हैं और विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भी उसका ही एक हिस्सा है.
जियो न्यूज के मुताबिक, अमेरिका की सरकार ने साफ कहा है कि पूरे घटनाक्रम में अमेरिका पर लग रहे आरोप बेबुनियाद हैं. खबर के मुताबिक, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव, धमकी भरे पत्र के मामले में अमेरिका के रोल की बातें बेबुनियाद हैं. आगे कहा गया कि पाकिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रम पर अमेरिका की नजर है. कहा गया कि उनको पाकिस्तान के संविधान पर भरोसा है और वह उसका आदर करते हैं.
बता दें कि इमरान खान ने रविवार को डी-चौक पर शक्ति प्रदर्शन के दौरान एक पत्र दिखाया था. इमरान ने कहा था कि उसमें इस बात के सबूत हैं कि उनके खिलाफ विदेशी साजिश रची जा रही है और विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव भी इसका ही हिस्सा है.
3 अप्रैल को हो सकती है वोटिंग
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 3 अप्रैल को इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. लेकिन माना जा रहा है कि इससे पहले ही इमरान खान के पास बहुमत नहीं बचा है. नेशनल असेंबली में अब विपक्ष पर पीटीआई से ज्यादा सांसदों का समर्थन है. वहीं, इमरान खान की पार्टी पर 164 सांसदों का समर्थन रह गया है.
पाकिस्तान में कुल सीटें- 342, बहुमत के लिए 172 की जरूरत

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






