Gyanvapi: नंदी का मुंह मस्जिद की तरफ क्यों? शिवलिंग के पक्ष में दी जा रहीं 4 दलीलें
AajTak
Gyanvapi masjid row: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में बीती 16 मई को कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा हुआ. इस दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजू खाने में बने हौज में शिवलिंग मिलने का दावा किया. उसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और अदालत ने उस स्थान को सील करने का आदेश दे दिया. उधर, मुस्लिम पक्ष शुरू से ही शिवलिंग बताए जा रही आकृति के फव्वारा होने का दावा कर रहा है.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था. उसके बाद अदालत के आदेश पर उस स्थान को सील कर दिया गया. मुस्लिम पक्ष शुरू से ही शिवलिंग बताए जा रही आकृति को फव्वारा करार दे रहा है.
इस मामले में हिंदू पक्ष के वकीलों की ओर से चार बड़ी दलील भी दी जा रही हैं. सबसे पहली यह कि अगर यह शिवलिंग नहीं है तो नंदी का मुंह मस्जिद की तरफ क्यों है? दूसरी दलील यह है कि अगर यह फव्वारा है तो चल क्यों नहीं रहा? तीसरी यह कि फव्वारे का आकार शिवलिंग जैसा क्यों है? और पांचवीं दलील है कि अगर ज्ञानवापी में शिवलिंग नहीं था तो मुस्लिम पक्ष सर्वे का विरोध क्यों कर रहा था?
''कहते हैं कि नंदी भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय हैं. इतने प्रिय कि उनके कान में कही गई हर मनोकामना बाबा भोलनाथ पूरी कर देते हैं. उन्हें भगवान शिव का द्वारपाल भी कहा जाता है. मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था तो भगवान शिव ने ही विष पीकर इस संसार को बचाया था. विष की कुछ बूंदे जमीन पर गिर गई थीं जिन्हें नंदी ने जीभ से चाट लिया था. नंदी का यह समर्पण देखकर भोले शंकर ने उन्हें अपने सबसे प्रिय भक्त की उपाधि दी. और यह आशीर्वाद दिया कि उनके दर्शन से पहले लोग नंदी के दर्शन करेंगे. यह भक्ति का ही प्रताप है कि हर मंदिर में भगवान शिव से पहले नंदी ही मूर्ति होती है.''
दरअसल, ऐसी ही तस्वीर काशी विश्ननाथ मंदिर की है, जहां विराजे नंदी का मुंह मस्जिद की तरफ है. इसीलिए हिंदू पक्ष वजूखाने में दिखने वाली आकृति को फव्वरा बताने वालों से पूछता है कि अगर यह शिवलिंग नहीं है तो नंदी का मुंह मस्जिद की ओर क्यों है?
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का कहना है कि वजूखाने में मिली आकृति शिवलिंग ही है और नंदी से उसकी दूरी ठीक 83 फीट है. अगर किसी को उसे फव्वरा मानना है तो मान सकता है, लेकिन हम उसे शिवलिंग की मानते हैं.
ये भी पढ़ें:- बिजली जरूरी नहीं, इस प्राकृतिक तरीके से भी चलते हैं फव्वारे...जानिए इसका विज्ञान
नरेंद्र मोदी ने बीते दिन पीएम पद की शपथ ले ली है.वहीं मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए भाजपा ने अजित पवार गुट की एनसीपी को भी ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है. अजित गुट के प्रफुल्ल पटेल को राज्य मंत्री का ऑफर था, लेकिन उन्होंने ये कहकर इसे ठुकरा दिया कि वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और ये उनका डिमोशन होगा. देखिए VIDEO
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के वायरल वीडियो पर दिल्ली पुलिस का बयान आया है. इसमें कहा गया है, रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के लाइव प्रसारण के दौरान कैद एक जानवर की तस्वीर दिखा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह जंगली जानवर है. ये तथ्य सत्य नहीं हैं. कैमरे में कैद जानवर एक आम घरेलू बिल्ली है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.