
Gajanana Sankashti Chaturthi 2025: गजानन संकष्टी चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
AajTak
Gajanana Sankashti Chaturthi 2025: श्रावण मास में कई प्रमुख व्रत त्योहार आते हैं, जिसकी शुरुआत गजानन संकष्टी चतुर्थी से होती है. यह त्योहार सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.
Gajanana Sankashti Chaturthi 2025: भोलेनाथ का प्रिय महीना 11 जुलाई से शुरू हो गया है. यह महीना बेहद पावन माना जाता है. श्रावण मास में कई प्रमुख व्रत-त्योहार आते हैं, जिसकी शुरुआत गजानन संकष्टी चतुर्थी से होती है. यह त्योहार सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है.
गजानन संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त (Gajanana Sankashti Chaturthi 2025 Time)
द्रिक पंचांग के अनुसार, 14 जुलाई यानी आज को अर्धरात्रि 1 बजकर 2 मिनट पर सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ हो चुका है और 14 जुलाई यानी आज देर रात 11 बजकर 59 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी. इसलिए, आज गजानन संकष्टी चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है. खास बात यह है कि आज ही के दिन सावन का पहला सोमवार भी है. 14 जुलाई, यानी आज एक ही पिता-पुत्र का खास व्रत पड़ना अत्यंत की फलदायी माना जा रहा है.
गजानन संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Gajanana Sankashti Chaturthi Significance)
मान्यता है कि इस व्रत को करने से भक्तों के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. जो जातक पूरे श्रद्धाभाव के साथ गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है, गणेश जी उसपर अपनी कृपा बरसाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि (Gajanana Sankashti Chaturthi Pujan Vidhi)

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









