
DUSU चुनाव में नियमों का उल्लंघन, हाईकोर्ट ने इन मुद्दों पर DU प्रशासन और पुलिस को फटकारा
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DUSU Election 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में नियमों का उल्लंघन होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने डीयू प्रशासन को फटकार लगाई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव प्रचार में हो रही अव्यवस्थाओं, संपत्तियों के नुकसान (defacement), भारी वाहनों के इस्तेमाल और नियमों के उल्लंघन को लेकर हाईकोर्ट ने डीयू प्रशासन को फटकार लगाई है. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई भी उल्लंघन पाया गया तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा.
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में तस्वीरें और वीडियो सबूत पेश करते हुए आरोप लगाया कि उम्मीदवारों द्वारा ट्रैक्टर, जेसीबी मशीनें और लग्जरी गाड़ियों का उपयोग कर चुनाव प्रचार किया जा रहा है. यहां तक कि छात्राओं के हॉस्टल में भीड़ के साथ घुसने जैसी घटनाएं हुईं हैं. आरोप लगाया गया कि उम्मीदवार करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं, बाउंसरों की फौज लेकर घूम रहे हैं और यह सब सीधे तौर पर लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है.
क्या एक वकील को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करना होगा?
मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पूछा- क्या आप जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से होंगे? क्या हम एक वकील को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दें? अदालत ने पुलिस से भी सवाल किया कि क्या वे इन तस्वीरों को झूठा मानने को तैयार हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस और डीयू प्रशासन केवल कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं कर सकते, उन्हें खुद सक्रिय होकर कदम उठाने होंगे.
सुनवाई में बताया गया कि 100 से अधिक चालान जारी किए जा चुके हैं, कई वाहन जब्त भी हुए हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस का कहना है कि सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के मामलों में कोई चालान नहीं हुआ क्योंकि ऐसा कोई केस सामने नहीं आया. अदालत ने कहा कि यह मामला केवल छात्रों का नहीं बल्कि दिल्ली की पूरी आबादी से जुड़ा है.
अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि अगर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक नियमों का पालन नहीं हुआ, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और सीधे-सीधे अवमानना की कार्यवाही होगी. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है और सभी अथॉरिटी व छात्र संगठनों से स्टेटस रिपोर्ट और उठाए गए कदमों का ब्यौरा मांगा है.

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