
Delhi University में किस कोर्स के लिए आए सबसे ज्यादा आवेदन? इन 5 कॉलेजों की है सबसे ज्यादा डिमांड
AajTak
Delhi University Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन का प्रोसेस शुरू हो गया है. ऐसे में जानते हैं कि इस साल सबसे ज्यादा किस कॉलेज के लिए आवेदन आए हैं और स्टूडेंट कौनसा कोर्स सबसे ज्यादा पढ़ना चाहते हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रोसेस शुरू हो गया है. इस बार सबसे ज्यादा आवेदन बीकॉम (ऑनर्स) कोर्स के लिए आए हैं. इसके अलावा कॉलेज सेलेक्शन में स्टूडेंट्स की पहली पसंद श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स रहा है. इसके अलावा स्टूडेंट्स ने बीए, बीएससी, बीटेक जैसे कोर्स के लिए भी अप्लाई किया है. वहीं, हिंदू कॉलेज, हंसराज कॉलेज, मिरांडा कॉलेज में एडमिशन के लिए भी हजारों लोगों ने अप्लाई किया है. ऐसे में जानते हैं कि इस साल किन कॉलेजों की सबसे ज्यादा डिमांड है और किन कोर्स में स्टूडेंट अपना इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं.
किन कोर्स के लिए सबसे ज्यादा आवेदन?
- सबसे ज्यादा एप्लीकेशन बीकॉम (ऑनर्स) के लिए आए हैं, जिसमें 48,336 छात्रों ने अप्लाई किया है. इसके अलावा दूसरे नंबर पर B.A. (H) पॉलिटिकल साइंस के लिए 15,295, तीसरे नंबर पर B.Sc. (H) जूलॉजी के लिए 12,722, चौथे नंबर पर B.Tech. (H) मैथेमेटिक्स और ह्यूमैनिटीज के लिए 10,584 और पांचवें नंबर पर बीकॉम के लिए 8,939 लोगों ने अप्लाई किया है.
- इसके अलावा टॉप बीए कोर्स में बीए (हिस्ट्री + पॉलिटिकल साइंस) के लिए 7,60,233, बीए (इकोनॉमिक्स + पॉलिटिकल साइंस) के लिए 3,88,407, बीए (इंग्लिश + इकोनॉमिक्स) के लिए 3,49,367 स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया है.
किन कॉलेजों की है सबसे ज्यादा डिमांड?
नंबर-1: श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (38,795 आवेदन)

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









