COVID-19 New Jn.1 Variant: इम्यूनिटी को भी बेअसर कर रहा कोरोना का नया सब-वैरिएंट जेएन.1, ये 5 लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान
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COVID-19 New Jn.1 Variant: कोरोना के वैरिएंट ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट जेएन.1(Jn.1) 41 देशों के बाद भारत में भी फैल रहा है. इस वायरस के क्या लक्षण हैं, यह कितना गंभीर है? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.
COVID-19 New Jn.1 Variant: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गुरुवार को 594 नए कोविड-19 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं. इससे एक्टिव मामलों की संख्या 2311 से बढ़कर 2669 हो गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले समय में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि भारत में कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 के भी मामले सामने आ गए हैं. यह ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना है और 2022 की शुरुआत में BA.2.86 ने ही तबाही मचाई थी.
सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि JN.1 कोविड-19 वैरिएंट दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. WHO ने पहले ही इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया है. लेकिन क्या इससे कोई गंभीर खतरा है? यदि हां तो यह कितना चिंताजनक है? और यदि नहीं, तो हमें इसे कब गंभीर चिंता का विषय मानना चाहिए? चलो पता करते हैं.क्या इससे कोई गंभीर खतरा पैदा हुआ है?
नीति आयोग के मेंबर (हेल्थ) वीके पॉल ने कहा, 'जेएन.1 वैरिएंट के कारण कोविड मामलों में वृद्धि हुई है लेकिन इसके कारण गंभीर मामलों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है. यह वही वायरस है जो अन्य देशों में भी फैल रहा है. WHO का कहना है, 'JN.1 वैरिएंट के स्वास्थ्य प्रभाव को जानने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है. जेएन.1 मजबूत इम्यूनिटी वालों को भी चपेट में ले रहा है. जिन देशों में सर्दी पड़ रही है, उन्हें भी सावधान रहना चाहिए.'
WHO की पूर्व साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, 'मौसमी फ्लू जैसे इन्फ्लूएंजा ए (एचआईएन1 और एच3एन2), एडेनोवायरस, राइनोवायरस और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस के कारण होने वाले श्वसन संक्रमण, मानसून से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकते हैं क्योंकि इनके लक्षण भी कोविड-19 लक्षणों जैसे ही होते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'लक्षणों वाले हर व्यक्ति की टेस्टिंग करना संभव नहीं है इसलिए जिन्हें गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं, उनकी जांच करनी चाहिए. वहीं जो लोग हॉस्पिटल में एडमिट हैं और उन्हें गंभीर श्वसन संक्रमण या निमोनिया है, उनकी भी जांच करनी चाहिए.'
जेएन.1 वैरिएंट के लक्षण
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