Covid-19 से मौत पर मुआवजा देने में राज्य सरकारों के ढीले रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
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कोविड से हुई मौत पर 50 हजार रुपये मुआवजा न देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार से कहा कि अभी तक कोविड से मारे गए लोगों के किसी भी परिजन को मुआवजा नहीं मिला है. यह हास्यास्पद है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. सरकार को तुरंत मुआवजे का भुगतान करना चाहिए.
कोविड-19 (Covid-19) से होने वाली मौत के मुआवजे को लेकर राज्य सरकारों के ढीले रवैये के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए राज्यों को फटकार लगाई है. लिहाजा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान सरकार की ओर की जा रही हीलाहवाली पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की है.
जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
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