Chanakya Niti In Hindi: हमेशा नुकसान देता है ऐसा धन, दूर रहने पर मिलती है शांति
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चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि मनुष्य को किस प्रकार का धन प्राप्त करना चाहिए और कौन सा धन नहीं. आइए जानते हैं इसके बारे में...
संसार में हर व्यक्ति धनवान बनना चाहता है और इस चाहत की पूर्ति के लिए वो कई बार गलत रास्तों का भी चयन कर लेता है. ऐसे में चाणक्य द्वारा बताया हुआ रास्ता उसके काफी काम आ सकता है. चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि मनुष्य को किस प्रकार का धन प्राप्त करना चाहिए और कौन सा धन नहीं. आइए जानते हैं इसके बारे में... अतिक्लेशेन ये चार्था धर्मस्यातिक्रमेण तु। शत्रूणां प्रणिपातेन ते ह्यर्था मा भवन्तु मे।। जो धन दूसरों को हानि और पीड़ा पहुंचाकर, धर्म विरुद्ध कार्य करके, शत्रु के सामने गिड़गिड़ा कर प्राप्त होता हो, वह धन मुझे नहीं चाहिए. ऐसा धन मेरे पास न आए तो अच्छा है.More Related News