
AAP ने स्कूल फीस हाइक बिल का किया विरोध, BJP पर लगाया शिक्षा माफिया को बचाने का आरोप
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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस विधेयक को एक सुनियोजित दिखावा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बजाय निजी स्कूलों के हितों की रक्षा करने का आरोप लगाया.
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि को रेगुलेट करने वाले बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और इसे निजी स्कूल मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया एक दिखावे वाला विधेयक बताया. दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता विधेयक, 2025 विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पेश किया गया. विपक्ष की नेता आतिशी के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस विधेयक को एक सुनियोजित दिखावा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बजाय निजी स्कूलों के हितों की रक्षा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'यह विधेयक पारदर्शिता के बारे में नहीं है. यह निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि को सुविधाजनक बनाने के बारे में है. भाजपा ने इस विधेयक को अप्रैल से ही लटका रखा है ताकि स्कूल बेरोकटोक फीस बढ़ा सकें.' आतिशी ने कहा कि मौजूदा मानसून सत्र में विधानसभा में लाए गए विधेयक में बढ़ी हुई फीस को वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है और इसमें एक फीस निर्धारण समिति का प्रस्ताव है, जिसका नेतृत्व स्वयं स्कूल प्रबंधन करेगा.
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बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने की मांग
उन्होंने मांग की कि विधेयक को व्यापक परामर्श के लिए एक प्रवर समिति को भेजा जाए और सरकार से आग्रह किया कि जब तक कानून को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों में फीस को 2024-25 के स्तर पर स्थिर रखा जाए. आतिशी ने कहा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली के अभिभावकों और उनके बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी. भाजपा सरकार को उनकी आवाज सुननी होगी.'
आतिशी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, 'बीजेपी और निजी स्कूलों के बीच साठगांठ है. चार महीने हो गए हैं, निजी स्कूलों ने अभिभावकों को धमकाकर बढ़ी हुई फीस वसूली है, और अब एक ऐसा कानून पेश किया गया है जो पूरी तरह फर्जी है. समिति का गठन स्कूल प्रबंधन के अध्यक्षता में होगा, जो फीस बढ़ाना चाहता है. क्या वे अभिभावकों की इच्छा के अनुसार फीस बढ़ाएंगे? इसमें ऑडिट का भी कोई प्रावधान नहीं है.'

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