
9 मीटर पाइप इंजेक्ट, विदेशी एक्सपर्ट्स से सलाह... कब निकल पाएंगे 5 दिन से सुरंग में फंसे 40 मजदूर?
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सुरंग में फंसी इन 40 जिंदगियों को बचाने के लिए एयर फोर्स के विमान से अमेरिकन ऑगर मशीन दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गई. इसकी मदद से ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है. इस काम में 200 से ज्यादा लोगों की टीम के अलावा थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड समेत कई देशों के एक्सपर्ट से ऑनलाइन सलाह भी ली जा रही है.
5 दिन बाद भी अब तक उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है. सुरंग में फंसे एक मजदूर की आवाज सुनाई दी है, जिसमें वो खुद को बाहर निकालने की गुहार लगा रहा है. इसके साथ ही मजदूरों के सही सलामत होने की उम्मीद की किरण भी जगी है. सवाल अब भी बरकरार है कि आखिर आखिर इन मजदूरों को निकालने में कितना और समय लगेगा. हालांकि गुरुवार को रेस्क्यू साइट पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि मजदूरों को निकालने में 2 से तीन दिन का समय और लग सकता है.
सुरंग में फंसी इन 40 जिंदगियों को बचाने के लिए एयर फोर्स के विमान से अमेरिकन ऑगर मशीन दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गई. इसकी मदद से ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है. इस काम में 200 से ज्यादा लोगों की टीम के अलावा थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड समेत कई देशों के एक्सपर्ट से ऑनलाइन सलाह भी ली जा रही है. ड्रिल कर वहां पाइप लगाया जा रहा है. शाम पांच बजे तक कुल 9 मीटर पाइप इंजेक्ट किया जा चुका है.
दरअसल, 9 मीटर तक पाइप बिना किसी बाधा के ड्रिल हो जाने से रेस्क्यू टीम को अब कुछ आस जगी है. अधिकारियों का कहना है कि यदि इसी तरह से कार्य जारी रहा तो इस रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्द खत्म होने में काफी मदद मिल सकती है. 800 मिमी एस्केप पाइप का पहला कैप्सूल ऑगुर मशीनों का उपयोग करके मलबे में डाला गया है. एक और कैप्सूल इस पाइप में वेल्ड करके आगे डाला जा रहा है.
200 मीटर अंदर फंसे हैं मजदूर
बता दें कि मजदूर सुरंग के एंट्री प्वॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं. जहां मजदूर फंसे हैं, वहां ठीक उनके आगे 50 मीटर से ज्यादा मलबा है. रेस्क्यू टीम के लिए मुश्किल इस बात की है कि टनल का ये हिस्सा बेहद कमजोर है. जैसे ही मजदूरों को निकालने के लिए मलबा निकालने की कोशिश होती है, मलबा फिर से टनल में गिर जाता है. अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 और 900 मिलीमीटर चौड़े स्टील पाइप डाले जा रहे हैं. कोशिश है कि मलबे के आर-पार स्टील पाइप डालकर अंदर से एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके.
रेस्क्यू टीम के सामने है ये चुनौती

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