75% आबादी के पास AC-कूलर नहीं, 30% ने कभी TV नहीं देखा... भारत में संपत्ति के मामले में कहां ठहरते हैं हिंदू-मुस्लिम?
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हिंदुस्तान की 20 फीसदी आबादी सबसे अमीर की कैटेगरी में आती है. जबकि, हिंदू और मुसलमानों के संपत्ति में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. वहीं, एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की रिपोर्ट बताती है कि भारत की एक फीसदी आबादी का देश की 40 फीसदी से ज्यादा संपत्ति पर हक है.
कांग्रेस के घोषणापत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी दो दिन से चर्चा में है. उन्होंने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों में बांट देगी.
पीएम मोदी ने कहा था, 'ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब रखेंगे. उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे. और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयो-बहनो, ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक आ जाएंगे.'
हालांकि, कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति लेकर उसे बांटने का वादा नहीं मिलता है. लेकिन राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है. उन्होंने कहा था कि जो आपका हक बनता है, वो हम आपको देने का काम करेंगे.
ऐसे में जब संपत्ति की बात चल रही है तो जान लेते हैं कि हिंदुस्तानियों के पास कितनी संपत्ति है? इसे लेकर कई आंकड़े हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत की 20 फीसदी आबादी ही सबसे अमीर है. जबकि, अंतर्राष्ट्रीय संस्था के आंकड़े बताते हैं कि 1% भारतीयों का देश की 40% से ज्यादा संपत्ति पर कब्जा है.
कितने अमीर हैं भारतीय?
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) ने संपत्ति के आधार पर पांच हिस्से तय किए हैं. इनमें सबसे गरीब, गरीब, मिडिल, अमीर और सबसे अमीर है.
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