72 घंटों में सरेंडर... पुतिन का दावा सिर्फ ख्वाब साबित हुआ, यूक्रेन ने पिला दिया पानी
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में यूक्रेन को कमजोर खिलाड़ी माना गया था. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी 72 घंटे में कब्जा करने की बात कर रहे थे. लेकिन अब जमीन पर तमाम समीकरण बदल गए हैं.
आज से ठीक दो महीने और 15 दिन पहले रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमला किया गया था. दावा किया गया था कि 72 घंटे के अंदर यूक्रेन को सरेंडर करवा लिया जाएगा, ऐसी स्थिति में लाया जाएगा कि वहां पर रूस की पसंद से यूक्रेन में नई सरकार का गठन होगा. लेकिन 72 घंटे तो छोड़िए यहां 85 दिन पूरे हो चुके हैं और पुतिन आज भी ये नहीं कह सकते कि वे जंग जीत चुके या जीतने की स्थिति में आ गए हैं. 9 मई को विक्ट्री परेड का ऐलान था, वो तारीख आ गई है. रूस में जरूर ऐसा दिखाया जा रहा है कि एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. ये धारणा सरकार नियंत्रित मीडिया के जरिए बनाई जा रही है.
पुतिन का हर प्लान फेल
जंग की शुरुआत से व्लादिमीर पुतिन की तरफ से जो-जो मिशन सेट किए गए थे सब फेल हो गए. सबसे पहला उदेश्य तो 72 घंटे वाला दावा था जो युद्ध के शुरू होते ही खत्म हो गया. इसके बाद प्लान बी पर काम शुरू किया गया जिसके तहत यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने की तैयारी थी. इस मिशन को पुतिन हर हाल में हासिल करना चाहते थे. रूसी सेना ने कीव की घेराबंदी भी की थी. लेकिन यहां भी राष्ट्रपति पुतिन का अंदाजा पूरी तरह गलत साबित हो गया. सैनिकों की कमी और खराब नेतृत्व की वजह से यूक्रेन लड़ाके उन पर भारी पड़े और आज तक कीव रूस से सुरक्षित है. कीव के आसपास के इलाकों की बात करें तो वहां भी सिर्फ मारियूपोल और खेर्सोन में ही रूस को कामयाबी हाथ लगी है.
कहां कब्जा, कहां यूक्रेन ने खदेड़ा?
दो प्लान फेल होने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास एक प्लान सी भी था जिस पर अभी भी काम जारी है. उस रणनीति के तहत रूस अब कीव का सपना छोड़ चुका है. उत्तरी यूक्रेन के इलाकों में भी वो अब कब्जा करने की स्थिति में दिखाई नहीं पड़ता है. ऐसे में रूसी सैनिकों का नया उदेश्य दक्षिणी यूक्रेन और डोनबास इलाके में आक्रमण करने को लेकर है. इन इलाकों में जिस तेजी से रूसी सैनिक हमलावर हो रहे हैं, एक्सपर्ट मान रहे हैं कि यूक्रेन के दक्षिण पूर्व इलाके ओडेसा तक ये जंग जा सकती है. ऐसा होने पर यूक्रेन का समुद्री रास्ता बंद किया जा सकता है. अभी तक इस मिशन में पुतिन को कामयाबी नहीं मिली है लेकिन इस प्लान पर अभी भी काम जारी है. और रूस यूक्रेन के पूर्वी शहर ईंजियम, कुरुल्का और ब्राजकिव्का में ताबड़तोड़ हमले कर रहा है.
रूस का दावा है कि डोनबास क्षेत्र, खेर्सोन, मारियूपोल में उसने कब्जा कर लिया है. वहीं युद्ध से पहले ही डोनेस्टक और लुहांस्क को रूस अलग देश की मान्यता दे चुका है. लेकिन अकेले इन क्षेत्रों के दम पर रूस, यूक्रेन से सरेंडर नहीं करवा सकता. इसी वजह ये जंग अब दक्षिण की तरफ मुड़ चुकी है.