
600 करोड़ की हेरोइन... ड्रग्स तस्कर ने छिपा रखी थी काली कमाई... ISRO की मदद से NCB ने ढूंढ निकाली
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एनसीबी ने गुजरात में इसरो की मदद से कुख्यात ड्रग माफिया ईसा राव की संपत्ति पकड़ने का दावा किया है. एनसीबी ने इसरो की मदद से यह कार्रवाई की है. मोरबी में 600 करोड़ की हेरोइन पकड़ने जाने के मामले में ईसा राव मुख्य आरोपी है. फिलहाल वह भारत छोड़कर भाग निकला है. ईसा राव की देवभूमि द्वारका के अलावा मोरबी में भी अवैध संपत्ति है.
इसरो ने कोई सैटेलाइट लॉन्च की, अकसर यह खबर सुनने को मिल जाती है लेकिन क्या कभी यह सुना है कि इसरो अपराधियों को पकड़ने में भी मदद करती है? एनसीबी ने इसरो की मदद से गुजरात के कुख्यात ड्रग्स माफिया ईसा राव की काली कमाई का भंडाफोड़ किया है. दरअसल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इसरो के सैटेलाइट इमेज की मदद से ड्रग्स माफिया की संपत्ति खोज निकाली.
एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इसरो के एडवांस्ड डाटा प्रोसेसिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एडीआरआईएन) द्वारा उपलब्ध कराई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि तस्कर ने तीन साल में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई की और 50 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत का बंगला बनवा लिया. तस्वीरों से पता चल रहा है कि उसने यह निर्माण 2019 में करवाया था. जांच के दौरान एनसीबी ने यह भी पता लगाया है कि ड्रग माफिया इसा राव की देवभूमि द्वारका के अलावा मोरबी में भी संपत्ति है.
राव को भाई समेत तीन लोग अरेस्ट
गुजरात एटीएस ने पिछले साल 15 नवंबर को मोरबी से 600 करोड़ की 120 किग्रा हेरोइन पकड़ी थी. ईसा राव इस मामले में मुख्य आरोपी है. फिलहाल वह अभी फरार है. इस मामले में ईसा राव के भाई मुख्तार हुसैन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की जांच अभी एनसीबी कर रही है.
कराची में छिपा बैठा है ईसा राव
जानकारी के मुताबिक तस्कर ने ड्रग्स का व्यापार कर जो कमाई की, उससे वह संपत्ति बनाई है. एजेंसी ने कहा कि आरोपी का परिवार जांच में मदद नहीं कर रहा था, इसलिए हमने आरोप साबित करने के लिए इसरो की मदद ली गई. घर को जब्त कर लिया गया है. माना जा रहा है कि राव फिलहाल कराची में है. इस मामले में एटीएस ने कहा था कि राव के पाकिस्तानी साथियों ने समुद्री रास्ते से हेरोइन भारत भेजी थी. हेरोइन को शुरुआत में देवभूमि द्वारका में सलाया के पास तटीय क्षेत्र में छिपाया था, बाद में इसे झिनजुडा ले जाया गया था.

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