
40 हजार सैनिक, अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास... चीन को चेतावनी दे रहे भारत समेत 19 देश!
AajTak
तलिस्मान सेबर युद्ध अभ्यास में भारत की भागीदारी चीन को साफ संदेश देती है कि अगर उसने भारत की सरहदों के अलावा हिंद-प्रशांत में अपनी आक्रामक हरकतों को जारी रखा, तो एक मजबूत, एकजुट और तकनीकी तौर पर तेज गठबंधन उसे जवाब देने के लिए तैयार है.
मौजूदा वक्त में दुनिया के कुछ देशों के बीच तनातनी है, तो वहीं कुछ देशों के बीच जंग जैसे हालात हैं. वहीं, दूसरी तरफ 19 देश एकजुट होकर चीन को चेतावनी दे रहे हैं कि वह दबंग बनने से पहले उनका पराक्रम देख ले. हम बात कर रहे हैं तलिस्मान सेबर 2025 की, जो ऐसा भीषण युद्धा अभ्यास है जिसकी गर्जना इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के साथ पापुआ न्यू गिनी के आसपास के समुद्री इलाकों में सुनी जा सकती है. इसमें भारत सहित 19 देश हिस्सा ले रहे हैं. पहली बार भारत ने तलिस्मान सेबर युद्धा अभ्यास में हिस्सा लेने का फैसला किया है.
इसकी शुरुआत साल 2005 में हुई थी, जो एक साल में दो बार होता है और मुख्य रूप से यह अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाला द्विपक्षीय युद्धा अभ्यास है.
भारत के शामिल होने के क्या मायने?
युद्ध अभ्यास में भारत की भागीदारी चीन को साफ संदेश देती है कि अगर उसने भारत की सरहदों के अलावा हिंद-प्रशांत में अपनी आक्रामक हरकतों को जारी रखा, तो एक मजबूत, एकजुट और तकनीकी तौर पर तेज गठबंधन उसे जवाब देने के लिए तैयार है. 35 से 40 हजार सैनिकों के साथ इस बार शुरू हुआ, यह अभ्यास अब तक का सबसे बड़ा युद्धा अभ्यास है. तलिस्मान सेबर का मतलब है, जादुई तलवार. इस तरह यह चीन को चौंकाने वाली जादुई ताकत है, जिससे उसे आगाह किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: क्या ब्रिक्स vs वेस्टर्न वर्ल्ड कोल्ड वॉर छिड़ने वाला है... भारत-चीन-ब्राजील को NATO की धमकी का क्या मतलब है?

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.








