
35 देशों का दिमाग, 17 खरब का खर्चा, इस एक चीज से बदल जाएगी पूरी धरती
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पिछले कुछ सालों में ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसे खतरों के चलते क्लीन एनर्जी को लेकर कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में पिछले 10 सालों से दुनिया का सबसे बड़ा चुंबक तैयार किया जा रहा था जो कई मायनों में धरती को बदल सकता है.
पिछले कुछ सालों में ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसे खतरों के चलते क्लीन एनर्जी को लेकर कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में पिछले 10 सालों से दुनिया का सबसे बड़ा चुंबक तैयार किया जा रहा था जो कई मायनों में धरती को बदल सकता है. (फोटो क्रेडिट: iter organization) ये मैग्नेट एक विशालकाय मशीन इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर) का हिस्सा है और इस मशीन का मकसद पृथ्वी पर सूरज के स्तर की एनर्जी का निर्माण करना है. ये मैग्नेट 59 फीट लंबा और इसका व्यास 1 फीट होगा. इस मैग्नेट का वजन भी 1000 टन होगा. (फोटो क्रेडिट: iter organisation) इस मैग्नेट को डिजाइन और मैनुफेक्चर जनरल एटॉमिक्स ने किया है. ये मैग्नेट इतना पावरफुल होगा कि ये 1000 फीट लंबे और 1 लाख टन के एयरक्राफ्ट कैरियर को भी जमीन से छह फीट ऊपर उठाने में कामयाब हो सकेगा. इस चुंबक की ताकत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये धरती की मैग्नेटिक फील्ड से 2 लाख 80 हजार गुणा ज्यादा ताकतवर होगा. (फोटो क्रेडिट: iter organisation)
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