
2025 तक प्यास से तड़पेंगे अरबों लोग, इन देशों पर बड़ा संकट
AajTak
दुनिया में पानी के इस्तेमाल को लेकर डरा देने वाली स्टडी सामने आई है. नई स्टडी के अनुसार, साल 2040 तक विश्व के 44 देशों में पानी की बेहद किल्लत पैदा हो जाएगी. वहीं साल 2025 तक ही 48 देशों में करीब 2.8 अरब लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं होगा.
इंसान पानी को ठीक से इस्तेमाल करने में हमेशा लापरवाह रहा है. आम चीजों के लिए भी जितनी जरूरत नहीं होती, उससे ज्यादा पानी खर्च किया जाता है. विश्व स्तर के संगठन और अलग-अलग देशों में सरकारें पानी के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए मुहिम भी चलाती हुई नजर आती हैं, इसके बावजूद पानी का सही और सीमित इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ऐसे में हाल ही में आई एक स्टडी इंसान को डराने के लिए काफी है.
नई स्टडी के अनुसार, साल 2040 तक 44 देशों में पानी की भारी किल्लत पैदा हो जाएगी और साल 2025 तक ही दुनिया के 2.8 अरब लोग पीने के पानी को तरस जाएंगे. इसके साथ ही अगले दो से तीन दशक में तो काफी ज्यादा जनसंख्या इससे प्रभावित हो जाएगी.
जर्मनी में यूनिवर्सिटी ऑफ बोन के इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में प्रोफेसर डॉक्टर यानिस मनियातिस और उनके कुछ छात्रों ने इस बारे में रिसर्च की. इससे संबंधित डेटा पर लंबी स्टडी के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची. रिसर्चरों का मानना है कि दुनिया में मेडिटेरियन देश पृथ्वी पर अपनी लोकेशन की वजह से सूखे के सबसे ज्यादा रिस्क पर हैं. वहीं पिछले 500 साल के इतिहास में यूरोप मौजूदा समय में सबसे लंबे सूखे से गुजर रहा है.
2025 तक ही होने लगेगी हालत खराब
स्टडी में बताया गया कि साल 2025 तक दुनिया के 48 देशों के 2.8 अरब लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं होगा. वहीं साल 2050 तक लोगों का ये आंकड़ा 7 अरब तक पहुंच जाएगा. वर्तमान समय में दुनिया में सबसे ज्यादा पानी का इस्तेमाल अमेरिका और फिर ग्रीस में किया जा रहा है. स्टडी में बताया गया कि अधिकतर पानी सिर्फ सिंचाई ही नहीं बल्कि अलग-अलग चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
पानी को लेकर हुई स्टडी में सामने आए आंकड़े इंसान के लिए भयावह जरूर हैं लेकिन अगर पानी के गलत इस्तेमाल की रोकथाम दुनिया भर में सही तरीके से की जाए तो शायद भविष्य में हालात बदल भी सकते हैं. हालांकि, पानी को बचाने की मुहिम सबसे पहले खुद आपके सही इस्तेमाल से शुरू होगी. इसलिए आपको भी यह जानना काफी जरूरी है कि पानी की बचत कैसे की जाए.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







