
हिरोशिमा: PM मोदी के पास चलकर आए बाइडेन और लगाया गले, जी-7 समिट में दिखी भारत-US के रिश्तों की गर्मजोशी
AajTak
G-7 Summit 2023: पीएम नरेंद्र मोदी जी-7 समिट में शामिल होने 19 मई को जापान के हिरोशिमा पहुंच गए थे. उन्होंने जापान के पीएम फुमियो किशिदा से जापान और भारत की जी-7 और जी 20 की अध्यक्षता के तहत कई वैश्विक चुनौतियों पर बात की. शनिवार को उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. अब वह जी-7 समिट में पहुंच गए हैं.
PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जापान के हिराशिमा में जी-7 की बैठक में शामिल होने पहुंच गए हैं. बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हुए हैं. बाइडेन जैसे ही वहां पहुंचे, वह पीएम मोदी को देखते हुए उनके पास जा पहुंचे और उन्हें गले लगा लिया. पीएम ने भी उन्हें उसी गर्मजोशी के साथ गले लगाया. भले ही उनकी यह मुलाकात कुछ ही देर की थी लेकिन इससे चीन की चिंता जरूरत बढ़ सकती है. इस बैठक में जापान और अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि भी शामिल हुई हैं. विदेश सचिव विनय क्वात्रा के मुताबिक इस बैठक में सम्पर्क बढ़ाने, सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण, आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, खाद्य एवं स्वास्थ्य तथा विकास के अलावा डिजिटलीकरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने से पहले शनिवार को हिरोशिमा में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा अहिंसा के विचार को आगे बढ़ाएगी. मेरे लिए यह जानना एक बड़ा क्षण है कि मैंने जापानी पीएम को जो बोधि वृक्ष उपहार में दिया था, वह यहां हिरोशिमा में लगाया गया है ताकि लोग यहां आने पर शांति के महत्व को समझ सकें.
महात्मा गांधी की 42 इंच लंबी कांसे की आवक्ष प्रतिमा पद्म भूषण से सम्मानित राम वनजी सुतार ने बनाई है. यह प्रतिमा मोतोयासु नदी के किनारे ऐतिहासिक ए-बॉम्ब डोम के पास स्थापित की गई है, जहां हर रोज हजारों पर्यटक आते हैं.
मशहूर भाषाविद् तोमियो से मिले पीएम
पीएम मोदी ने शनिवार को मशहूर भाषाविद् पद्म पुरस्कार विजेता प्रोफेसर तोमियो मिजोकामी से भी मुलाकात की. तोमियो एक एक प्रतिष्ठित हिंदी और पंजाबी भाषाविद् हैं. मुलाकात के बाद पीएम ने बताया कि हिरोशिमा में मुझे तोमियो मिजोकामी से बातचीत करके खुशी हुई. उन्होंने जापान के लोगों के बीच भारतीय संस्कृति और साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं.
(खबर अपडेट हो रही है)

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







