
हिमालय पर जेट से भरी उड़ान, भीड़ ने किया वेलकम, Dolly Chaiwala का दिखा रुतबा
AajTak
डॉली चाय वाला एक प्राइवेट जेट में बैठकर माउंट एवरेस्ट और हिमालय की खूबसूरती का आनंद लेते नजर आ रहे हैं.वीडियो में डोली चायवाला ने हिमालय की बर्फीली चोटियों को अपने खास अंदाज में दिखाया है, जिसे देख उनके फैंस जमकर रिएक्ट कर रहे हैं.
कहते हैं, जब किस्मत का सितारा चमकता है तो दुनिया हैरान रह जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ मुंबई के डॉली चायवाले उर्फ सुनील पाटिल के साथ, जिनकी किस्मत एक चाय की प्याली ने बदल दी. एक दिन बिल गेट्स मुंबई में थे, और अचानक उनके कदम उस छोटी सी चाय की टपड़ी पर पड़े. डॉली चायवाले की अनोखी स्टाइल में बनी चाय का स्वाद दुनिया के सबसे अमीर शख्स को इतना भाया कि उन्होंने इसकी तारीफ ट्विटर पर भी कर दी. बस, फिर क्या था! डॉली की किस्मत ने तुरंत पलटी मार दी.
इसी बदलाव की कहानी डॉली चाय वाला का हालिया वायरल वीडियो कह रहा है. इसमें वे प्राइवेट जेट में बैठकर माउंट एवरेस्ट और हिमालय की खूबसूरती का आनंद लेते नजर आ रहे हैं.वीडियो में डोली चायवाला ने हिमालय की बर्फीली चोटियों को अपने खास अंदाज में दिखाया है, जिसे देख उनके फैंस जमकर रिएक्शन दे रहे हैं.
देखें वीडियो...
प्राइवेट जेट में डॉली की रॉयल एंट्री

ZeroB H2OHH review: मार्केट में एक ऐसा प्रोडक्ट आया है, जो आपको हर जगह साफ पानी दे सकता है. इसके लिए आपको बार-बार पैकेज्ड पानी नहीं खरीदना होगा. हम बात कर रहे हैं ZeroB H2OHH बोतल की, जो बिना किसी बिजली के आपको हर जगह शुद्ध पानी देती है. हालांकि, ये किसी भी पानी को साफ नहीं कर सकती है. आइए जानते हैं इसका रिव्यू.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.









