
हरियाणा में पॉकेट साइज अल्ट्रासाउंड मशीन से लिंग परीक्षण, UP, राजस्थान और पंजाब के रैकेट सक्रिय
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हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं. 2023 की पहली छमाही में सेक्स रेश्यो बिगड़ने का डेटा सामने आया है. राज्य में 2022 के मुकाबले लिंगानुपात 11 अंक गिर गया है और 917 से 906 तक पहुंच गया है. कहा जा रहा है कि राज्य में अंतरराज्यीय अवैध अल्ट्रासाउंड रैकेट संचालित हो रहा है, जो सरकारी प्रयास में सबसे बड़ा ग्रहण साबित हो रहा है. धड़ल्ले से पॉकेट साइज अल्ट्रासाउंड मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.
हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार को लेकर तमाम प्रयास सफल नहीं पा रहे हैं. राज्य के आठ जिलों में सेक्स रेश्यो घटने से सरकारी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. इस साल की पहली छमाही में बेटियों का लिंगानुपात घट गया है. साल 2022 में प्रति एक हजार लड़कों पर 917 लड़कियां जन्म ले रही थीं. अब ये रेश्यो और घट गया है. 2023 के पहले छमाही में सेक्स रेश्यो 906 हो गया है.
पिछले 6 महीने में हरियाणा के जिन आठ जिलों में सेक्स रेश्यो घटा है, उनमें सात जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का हिस्सा हैं. यहां लिंगानुपात 900 से भी नीचे चला गया है. राज्य में संयुक्त लिंगानुपात 2022 में 917 से घटकर जून 2023 में 906 हो गया है. हरियाणा के 12 जिलों में एसआरबी डेटा का निगेटिव ट्रेंड देखने को मिला है. इनमें गुरुग्राम, रोहतक, चरखी दादरी, नूंह, पलवल, सोनीपत, करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और कैथल का नाम शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि पंचकुला, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, जिंद, यमुनानगर, पानीपत, कुरूक्षेत्र, रेवाड़ी, अंबाला और झज्जर समेत 10 अन्य जिलों में एसआरबी डेटा लिंगानुपात में सुधार बता रहा है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि चीजें कहां गलत हुईं और लिंगानुपात में सुधार के लिए सरकारी प्रयास सफल क्यों नहीं हो रहे हैं? आजतक ने सच जानना चाहा तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं. पता चला कि राज्य में नर्सों और अंतरराज्यीय एंबुलेंस ऑपरेटर्स की मिलीभगत चल रही है. MTP किट की तस्करी की जा रही है और अवैध लिंग निर्धारण परीक्षण किया जा रहा है.
कैमरे पर सच बताने से बच रहे अफसर?
हालांकि, इन सारे फैक्ट पर बात करने के लिए स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कैमरे पर आने से बच रहे हैं. लेकिन, पुष्टि जरूरत की है और कहा- अवैध गतिविधियों में शामिल अंतरराज्यीय रैकेट की वजह से लिंग निर्धारण को रोकने के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं.
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