
'हम चेक नहीं देंगे...', कतर के पीएम ने गाजा से झाड़ लिया पल्ला! इजरायल को दो टूक
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कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने गाजा के पुनर्निर्माण के लिए कतर की वित्तीय सहायता से साफ इनकार किया है. उन्होंने हमास को फंडिंग देने के आरोपों को भी पूरी तरह से खारिज किया. कतर ने कहा कि हमास के साथ उनकी बातचीत मध्यस्थता और युद्धविराम के लिए है, न कि हथियारबंद समूह को समर्थन देने के लिए.
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने साफ कह दिया कि उनका देश गाजा में इजरायल के हमलों से हुई तबाही की कीमत नहीं चुकाएगा. इसका मतलब साफ है कि गाजा के पुनर्निर्माण में अमीर अरब देश कतर पैसे नहीं देने वाला है. इस टिप्पणी के साथ ही कतर के पीएम ने इजरायल के उस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उनका देश फिलिस्तीन के हथियारबंद समूह हमास को फंड देता है.
दोहा फोरम 2025 में अमेरिकी कमेंटेटर टकर कार्लसन के साथ एक इंटरव्यू में बोलते हुए कतर के पीएम और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि हमास के साथ कतर की बातचीत एक दशक से भी पहले अमेरिका के अनुरोध पर शुरू हुई थी, ताकि मध्यस्थता और युद्धविराम के रास्ते खोले जा सकें.
उन्होंने कहा, 'हमास के साथ संबंध की शुरुआत… 10 साल से भी पहले अमेरिका के अनुरोध पर हुई थी. दोहा में हमास का ऑफिस केवल बातचीत, युद्धविराम कराने और गाजा को सहायता पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया गया.'
पीएम ने कहा कि कतर का हमास को आर्थिक मदद देने के दावे बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा, 'आज जब दावा किया जाता है कि कतर हमास को फंड देता है तो यह बिना किसी आधार के किया जाता है. हमारी सारी मदद... गाजा के लोगों के लिए गई और यह एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत थी, जिसके बारे में अमेरिका को पूरी जानकारी थी.'
उन्होंने बताया कि इजरायल की सरकारों और उनके सुरक्षा संस्थानों ने गाजा तक मदद पहुंचाने को मंजूरी दी और इसमें मदद भी की.
कतर के प्रधानमंत्री ने इजरायल पर निशाना साधते हुए कहा कि कतर को निशाना बनाने वाले राजनैतिक हमले उसकी मध्यस्थ की भूमिका को गलत तरीके से पेश करते हैं. उन्होंने कहा कि कतर का उद्देश्य मानवीय संकट कम करना और युद्धविराम कराना है.

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