
सोने का महल और White House से 20 गुना बड़ा दफ्तर, कितने रईस हैं कतर के अमीर, जिनके दखल से पूर्व नौसैनिक हुए रिहा
AajTak
कथित जासूसी के मामले में 8 पूर्व भारतीय नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाने के करीब 3 महीने बाद कतर की अदालत ने उन्हें रिहा कर दिया. माना जा रहा है कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर के अमीर से मुलाकात का नतीजा है. शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी को अरब के सबसे ताकतवर लोगों में गिना जाता है, जिनके दखल के बगैर पासा पलटना मुश्किल था.
दोहा स्थित एक कंपनी के साथ काम करने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व जवानों पर वहां की कोर्ट ने आरोप लगाया कि वे काम की आड़ में जासूसी कर रहे हैं. इसी कथित आरोप पर उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, जो भारतीय दखल के बाद जेल की सजा में बदल गई. अब बड़ी राहत देते हुए दोहा कोर्ट ने सबको रिहाई दे दी है. यहां तक कि 7 अफसर देश भी लौट आए. संदिग्धों की रिहाई तब हुई है, जब पीएम मोदी यूएई के बाद कतर का दौरा करने वाले हैं. वैसे इस हाई-प्रोफाइल मामले में छूट को कतर के शेख से भी जोड़ा जा रहा है.
क्या हैं कतर का अमीर होने के मायने अमीर का मतलब यहां धन-दौलत की अमीरी बस नहीं है, बल्कि अमीर कतर का सुप्रीम लीडर होता है. ये संविधान का गारंटर और सेना का कमांडर भी होता है. अमीर एक खास परिवार से आते हैं, जिसे अल-थानी फैमिली कहते हैं. इस परिवार से अब तक 8 अमीर हो चुके हैं, जो देश संभालते रहे. वर्तमान अमीर तमीम बिन हमाद ने पिता के बाद जून 2013 में सत्ता संभाली. 33 साल की उम्र में शेख को कतर का सबसे कमउम्र लीडर माना गया.
दस साल पहले संभाली सत्ता
शेख तमीम की शुरुआत पढ़ाई-लिखाई लंदन के हैरो स्कूल से हुई. आगे चलकर उन्होंने ब्रिटेन की रॉयल मिलिट्री अकेडमी से पढ़ाई और वहीं ग्रेजुएशन किया. घर वापसी के बाद उन्हें सेना में अहम पद दिया गया. तब उनके पिता हमाद बिन खलीफा सत्ता संभाल रहे थे. हालांकि शेख की ट्रेनिंग पहले से ही शुरू हो चुकी थी कि वही आगे चलकर देश संभालेंगे. इस बात का एलान खुद उनके पिता ने साल 2003 में ही कर दिया था.
वेस्ट से संबंध किए मजबूत

बंगाल में बाबरी-स्टाइल मस्जिद की नींव रखने का कार्यक्रम आज... RAF-BSF तैनात, 3 लाख लोग जुटने का दावा
टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि शनिवार को मोरादीघी के पास 25 बीघा क्षेत्र में करीब 3 लाख लोगों की भीड़ जुटेगी. पुलिस, RAF और BSF की तैनाती के बीच प्रशासन ने इलाके को हाई सिक्योरिटी जोन घोषित कर दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.








