सैयद अली शाह गिलानीः अध्यापन से सियासत में आए, ऐसे बनी अलगाववादी की छवि
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पाकिस्तान समर्थक माने जाने वाले गिलानी तीन दफे विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. गिलानी साल 1972, 1977 और 1987 में जम्मू कश्मीर के सोपोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे थे. हालांकि, बाद में गिलानी ने चुनावी राजनीति से दूरी बना ली थी.
जम्मू कश्मीर के वयोवृद्ध अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया है. 92 साल के गिलानी ने श्रीनगर के हैदरपुरा स्थित आवास पर बुधवार की रात 10.35 बजे अंतिम सांस ली. वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. 29 सितंबर 1929 को बारामुला जिले के सोपोर क्षेत्र के दुरू गांव में उनका जन्म हुआ था. गिलानी के निधन पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट की प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.