
सेना में अफसरों-जवानों की कमी, संसदीय समिति की रिपोर्ट में बड़े खुलासे
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रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की रिपोर्ट में चिंता बढ़ाने वाली बात सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन होनी चाहिए, लेकिन इससे भी कम हैं.
चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच वायुसेना के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात सामने आई है. रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन होनी चाहिए, लेकिन इससे कम हैं. ये रिपोर्ट बुधवार को ही लोकसभा में पेश की गई है. इस रिपोर्ट में तीनों सेनाओं में जवानों और अफसरों की कमी की भी बात है.
क्या कमजोर हो रही है वायुसेना?
- समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन होनी चाहिए, लेकिन अभी इससे भी कम हैं. आने वाले सालों में पुराने विमान भी रिटायर हो जाएंगे, जिससे स्क्वाड्रन और कम हो जाएंगी.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि वायुसेना के पास 2,050 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें मुख्य रूप से AN-32 और एब्रो शामिल हैं. दोनों जहाजों की संख्या लगातार कम हो रही है और 2032 तक एब्रो पूरी तरह खत्म हो जाएंगे.
- वायुसेना के पास अभी करीब 500 हेलीकॉप्टर्स हैं. ये Mi-17 हेलीकॉप्टर हैं. ये भी 2032 तक खत्म हो जाएंगे. इसके अलावा Chetak, Cheetah और Cheetal विमान भी 2032 तक खत्म हो जाएंगे.
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