
सीट शेयरिंग का पेच, PM फेस कौन, कैंपेनिंग प्लान... 2024 की लड़ाई में 'INDIA' के सामने ये हैं चुनौतियां
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2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी मोर्चा एकजुट हो गया है. बेंगलुरु में दो दिन तक विपक्षी की बैठक चली. इसमें 26 दलों के नेताओं ने आम सहमति पर पहुंचने के लिए कई दौर की बैठक की. लंबे वक्त तक विचार-विमर्श किया. इस बैठक में गठबंधन के नाम से लेकर भविष्य की रणनीति और मुद्दों की रूपरेखा तक पर चर्चा हुई. बैठक में सीट बंटवारे और पीएम फेस समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
2024 की लड़ाई का बिगुल बज गया है. आगामी लोकसभा चुनाव में सीधे तौर NDA बनाम I.N.D.I.A के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा. विपक्षी एकता धीरे-धीरे, मगर सधे हुए कदमों के साथ आगे बढ़ रही है. पटना और फिर बेंगलुरु की बैठक के बाद भी कई मसलों पर रायशुमारी नहीं हो सकी है, लेकिन चुनौतियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है. यही वजह है कि उम्मीद के मुताबिक अब तक ना तो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला निकाला जा सका. ना पीएम फेस पर सहमति. चुनावी कैंपेन पर भी चर्चा नहीं हो पाई है. हालांकि, विपक्ष ने जो 11 सदस्यीय पैनल गठित करने का ऐलान किया है, वो इन सारे सवालों के जवाब तलाशेगा और सहमति के लिए फॉर्मूला निकालने की जिम्मेदारी भी होगी.
दरअसल, विपक्ष का प्लान है कि वो प्रत्येक सीट पर अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारे. विपक्ष की तरफ से एक उम्मीदवार होने से वोट नहीं बंट सकेंगे और एनडीए के कैंडिडेट को हराने में आसानी हो सकेगी. हालांकि, ये इतना आसान नहीं है. 2014 और 2019 के ट्रैक रिकॉर्ड के मुताबिक एनडीए ने कई सीटों पर 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए हैं और जीत दर्ज की है. वहीं, विपक्ष का कहना है कि हर चुनाव अलग होता है. मुद्दे से लेकर तमाम फैक्टर हार और जीत तय करते हैं.
450 सीटों पर एक ही कैंडिडेट उतारे जाने की तैयारी?
फिलहाल, 543 सदस्यीय लोकसभा में अधिकांश सीटों पर NDA और I.N.D.I.A के बीच मुकाबला होगा. विपक्षी एकजुटता के फॉर्मूले के तहत लोकसभा की 543 सीटों में से 450 सीटों पर एडीए के खिलाफ एक ही कैंडिडेट उतारे जाने पर विचार किया जा रहा है. अगर यह संभव हो पाया तो इन सीटों पर सीधे तौर पर एनडीए और I.N.D.I.A के बीच आमने-सामने का चुनाव होगा.
बेंगलुरु की बैठक में सोनिया गांधी ने संभाला मोर्चा

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