
सियासत धक्कामार, मर्यादा तार-तार! राहुल गांधी के खिलाफ FIR, जांच में ओम बिरला का रहेगा अहम रोल!
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संसद के मकर द्वार पर बीआर अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद परिसर में विपक्ष-कांग्रेस और एनडीए सांसदों के बीच झड़प में पूर्व मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए. घटना के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर शारीरिक हमला और उकसावे का आरोप लगाया गया और उन पर हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ संसद में धक्का-मुक्की मामले में एफआईआर दर्ज कर ली. बीजेपी सांसदों ने गुरुवार को ही कांग्रेस सांसद के खिलाफ संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि बीजेपी की शिकायत के बावजूद हत्या के प्रयास के आरोप वाली धारा में राहुल गांधी पर केस दर्ज नहीं हुआ है. दिल्ली पुलिस ने बीएनएस की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), धारा 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का कार्य), धारा 131 (आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 351 (आपराधिक धमकी) और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है.
पीटीआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी को मामले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया सकता है. पुलिस लोकसभा सचिवालय से उस क्षेत्र की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का अनुरोध करेगी, जहां कथित घटना हुई थी. राहुल गांधी के खिलाफ लगाई गई सभी धाराएं जमानती हैं, सिवाय धारा 117 के, जिसके लिए सजा चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है. इस धारा में सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है. वहीं पुलिस की तरफ से अभी तक कांग्रेस की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
जांच में ओम बिरला का रहेगा अहम रोल
सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों की जांच में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की भूमिका अहम होगी. न्यूज एजेंसी के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि संसद परिसर के संरक्षक होने के नाते लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति की आवश्यकता होगी, ताकि परिसर के भीतर किसी भी मामले की जांच की जा सके.
दरअसल, घटना से प्रभावित सांसद विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही का सहारा ले सकते हैं और लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारियों से निवारण की मांग कर सकते हैं. प्रक्रिया के नियमों के अनुसार, सदन को अपने सदस्यों को उनके कदाचार के लिए दंडित करने का अधिकार है. सदन अपने सदस्यों के आचरण की जांच करने के अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करता है, चाहे वह सदन के अंदर हो या बाहर. सदन के पास अपने सदस्यों को अव्यवस्थित आचरण और अवमानना के कृत्यों के लिए दंडित करने का भी अधिकार है, चाहे वह सदन के भीतर हो या बाहर.
बता दें कि संसद के मकर द्वार पर बीआर अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद परिसर में विपक्ष-कांग्रेस और एनडीए सांसदों के बीच झड़प में पूर्व मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए. घटना के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर शारीरिक हमला और उकसावे का आरोप लगाया गया और उन पर हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई.

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