सात महीने पहले एक्सपायर हुए सिम से डेटा निकालने वाला सॉफ्टवेयर, मुश्किल में CFSL
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CFSL दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों द्वारा जब्त मोबाइल फोन्स की फोरेंसिक जांच करती है. एक सॉफ्टवेयर की मदद से यह मोबाइल फोन की सिम से डेटा निकालती है. लेकिन ये सॉफ्टवेयर पिछले सात महीने से एक्सपायर पड़ा है.
पुलिस और जांच एजेंसियों द्वारा जब्त मोबाइल फोन्स की फोरेंसिक जांच करने वाली CFSL दिल्ली इन दिनों बड़ी परेशानी से जूझ रही है. दरअसल, जिस सॉफ्टवेयर की मदद से वह मोबाइल फोन की सिम से डेटा निकालती है, वह एक्सपायर हो गया है. इस सॉफ्टवेयर को एक्सपायर हुए सात महीने बीत चुके हैं, इसकी वजह से CFSL पर लंबित मामलों का बोझ बढ़ता जा रहा है.
बता दें कि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) पहले सीबीआई के सुपरविजन में काम करती थी. लेकिन अब इसे फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय के साथ जोड़ा गया है. फिलहाल इसपर लंबित मामले बढ़ते जा रहे हैं.
इसस जुड़े सवालों के जवाब CFSL के डायरेक्टर राजीव गिरोटी और फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय से मांगे गए थे, लेकिन उनकी तरफ से रिप्लाई नहीं आया है.
लैब के पास सैंकड़ों लंबित मामले
लेबोरेटरी के कंप्यूटर फोरेंसिक डिविजन के पास फिलहाल 256 लंबित मामले हैं. इसमें कुछ बड़े मामले भी हैं. जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जुड़ा मामला, जिसमें लेबोरेटरी को ही कुछ रिपोर्ट्स अलग-अलग कोर्टस् में जमा करनी है.
मिली जानकारी के मुताबिक, लेबोरेटरी को सालाना करीब 2 हजार मामले देखने होते हैं. फिलहाल बिना सॉफ्टवेयर के काम नहीं हो सकता है. बताया गया है कि सिम से डेटा और दूसरी जरूरी जानकारी निकालने वाला ये सॉफ्टवेयर 20 मार्च 2023 को एक्सपायर हुआ था. यहां काम करने वाले वैज्ञानिकों ने कोर्ट में साफ किया है कि सॉफ्टवेयर का लाइसेंस कब तक रिन्यू होगा इसकी जानकारी उनको नहीं है.
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