
सत्ता में आने का जुगाड़! बांग्लादेश में चुनाव का नया सिस्टम चाहते हैं शेख हसीना को कुर्सी से हटाने वाले छात्र, खालिदा की पार्टी का तीव्र विरोध
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बांग्लादेश के 'क्रांतिकारी' छात्र अब देश की चुनाव प्रणाली को ही बदलना चाहते हैं. ताकि वे सत्ता में किसी न किसी तरह से बने रह सकें. आंदोलनकारी छात्रों की नई पार्टी NCP के चुनाव बदलने की मांग ने खालिदा जिया की पार्टी BNP को सशंकित कर दिया है. क्योंकि इससे बांग्लादेश पर राज करने की उनकी महात्वाकांक्षा पर खतरा मंडराने लगा है.
बांग्लादेश में कथित 'क्रांति' कर आमूल-चूल बदलाव का दावा करने वाले छात्र नेता कुर्सी प्रेम में बुरी तरह से घिर चुके हैं. अब ये नेता बांग्लादेश की चुनाव पद्धति में ही बदलाव चाहते हैं कि ताकि चुनाव में कम वोट पाकर भी इस 'क्रांति' के चुनिंदा चेहरे कुर्सी का सुख भोग सकें. बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में आंदोलन के जरिये सत्ता बदलाव करने वाले छात्रों ने बांग्लादेश की सरकार से मांग की है कि देश की चुनाव प्रणाली में बदलाव लाया जाए आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional representation) को लागू किया जाए.
बता दें कि इन छात्रों ने (National Citizen Party-NCP) नाम से नई पार्टी बनाई है और चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसी ही मांग बांग्लादेश की कई छोटी छोटी इस्लामिक पार्टियां कर रही हैं.
लेकिन खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने इस मांग का कड़ा विरोध किया है. बीएनपी ने कहा है कि जो लोग आनुपातिक चुनाव प्रणाली की बात कर रहे हैं, उनके पीछे एक मकसद है. जो लोग राष्ट्रीय चुनाव से पहले स्थानीय सरकार के चुनाव चाहते हैं उनके पीछे भी एक मकसद है.
BNP के प्रवक्ता सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि ऐसी मांग करने वाले लोग या तो वे चुनाव में देरी चाहते हैं, या वे बांग्लादेश में कोई चुनाव नहीं चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली बांग्लादेश की राजनीतिक संस्कृति के लिए अनुपयुक्त है.
कैसे होता है आनुपातिक प्रतिनिधित्व से चुनाव
आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional representation) एक चुनावी प्रणाली है जिसमें पार्टियों को मिलने वाली सीटें उनके द्वारा प्राप्त वोटों के अनुपात में होती हैं. उदाहरण के लिए, अगर किसी पार्टी को चुनाव में 10% वोट मिलते हैं, तो उसे संसद में लगभग 10% सीटें मिलेंगी.

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